Uttarakhand News : उत्तराखंड शिक्षा विभाग से अभिभावक -बच्चों के लिए राहत की बड़ी खबर , देखें

देहरादून। उत्तराखंड शिक्षा विभाग से बच्चों और अभिभावकों के लिए राहत की बड़ी खबर है। यूकेजी में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को आयु कम होने पर कक्षा एक में प्रवेश नहीं मिल पा रहा था। ऐसे में यूकेजी के बच्चों को दोबारा यूकेजी में ही एडमिशन लेना पड़ता, लेकिन शासन की ओर से नियमों में संशोधन किया गया है। शिक्षा विभाग के नए नियमों के अनुसार नर्सरी में प्रवेश की आयु सीमा तीन वर्ष और कक्षा एक में प्रवेश की आयु सीमा छह वर्ष पूर्ण होना जरूरी है।
पहले की तरह मिली अनुमति
वर्तमान में जो बच्चे प्री प्राइमरी स्कूल (नर्सरी, एलकेजी, यूकेजी) में पढ़ाई कर रहे हैं। उन्हें कक्षा एक में प्रवेश की अनुमति पूर्व की भांति प्रदान की गई है। इस संबंध में सचिव रविनाथ रामन ने उत्तराखंड निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अनुसार वर्तमान में जिन बच्चों ने प्री प्राइमरी स्कूल (नर्सरी, एलकेजी, यूकेजी) में प्रवेश लिया है, उन्हें कक्षा एक में अध्ययन की अनुमति पूर्व के वर्षों की भांति प्रदान की जाएगी। ताकि उनके आगे की पढ़ाई में कोई व्यवधान ना हो।
उत्तराखण्ड निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (संशोधन)
1.(1) इस नियमावली का संक्षिप्त नाम उत्तराखण्ड निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (संशोधन) नियमावली, 2024 है।
आगामी वर्षों में प्री प्राइमरी कक्षाएं संचालित करने वाले विद्यालयों के लिए यह बाध्यकारी होगा कि वे प्री प्राइमरी कक्षाओं में प्रवेश के लिए न्यूनतम आयु का निर्धारण इस प्रकार करें कि केवल छह वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके बच्चे ही कक्षा एक में प्रवेश ले सकें।

- यह आगामी शैक्षिक सत्र 2024-25 से प्रवृत्त होगी।
- “उत्तराखण्ड निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियमावली, 2011″ में नीचे स्तम्भ-1 में दिये गये नियम 2 के उपनियम (1) के विद्यमान खण्ड (च) के स्थान पर स्तम्भ-2 में दिया गया उपनियम रख दिया जाएगा, अर्थात्ः-
बच्चे” से 6 से 14 वय वर्ग का कोई बालक या बालिका अभिप्रेत है, परन्तु विशिष्ट आवश्यकताधारी बच्चों के लिए बच्चे” से 6 से 18 आयु वर्ग का कोई बालक या बालिका अभिप्रेत है। 06 वर्ष का अभिप्राय है कि बालक या बालिका द्वारा शैक्षिक सत्र प्रारम्भ होने की तिथि से पूर्व 06 वर्ष की आयु पूर्णतः प्राप्त कर ली गई हो,
अर्थात् 05 वर्ष पूर्ण करने के पश्चात् 12 माह की अवधि पूर्ण हो चुकी हो। वर्तमान में जिन बच्चों द्वारा प्री-स्कूल (नर्सरी, एल०के०जी०, यू०के०जी०) मे प्रवेश लिया जा चुका है उन्हें, कक्षा-1 में अध्ययन की अनुमति पूर्व के वर्षों की भांति प्रदान की जायेगी तथा उनके आगे की पढ़ाई की निरन्तरता में कोई भी व्यवधान नही होगा। आगामी वर्षों में प्री-स्कूल कक्षाएं संचालित करने वाले विद्यालयों के लिए यह बाध्यकारी होगा कि वे प्री स्कूल कक्षाओं में प्रवेश हेतु न्यूनतम आयु का निर्धारण इस प्रकार करें कि केवल 6 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके बच्चे ही कक्षा-1 में प्रवेश हेतु अर्ह हो। उक्त के साथ ही दिव्यांग बच्चों हेतु विद्यालयों में प्रवेश प्रक्रिया इस प्रकार अपनायी जायेगी कि 18 वर्ष की आयु पूर्ण होने तक उनकी प्रारम्भिक शिक्षा निर्बाध रूप से पूरी हो सके।
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