उत्तराखंड – राज्य में सरकारी भर्तियों को लेकर नया आदेश जारी , अब यहां से होंगी आउटसोर्स भर्तियां

Dehradun News: राज्य में अब सरकारी विभागों व उनकी अधीनस्थ संस्थाओं में केंद्र सरकार की ओर से विकसित गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (जेम) के माध्यम से आउटसोर्स कर्मियों को रखा जाएगा। इस संबंध में मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु की ओर से आदेश जारी किए गए हैं। इस संबंध में कौशल विकास और सेवायोजन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने खुशी जताई है। उन्होंने कहा कि नई व्यवस्था से सभी वर्ग के अभ्यर्थियों को आउटसोर्स के माध्यम से नौकरी मिल पाएगी।
प्रदेश में कौशल विकास एवं सेवायोजन विभाग को आउटसोर्सिंग एजेंसी बनाया गया है। प्रदेश में अब तक सरकारी विभागों में सैनिक कल्याण निगम लिमिटेड (उपनल) एवं युवा कल्याण एवं प्रांतीय रक्षक दल (पीआरडी) के माध्यम से ही आउटसोर्स पर कर्मचारी रखे जाते हैं। दोनों एजेंसियों की ओर से एक निश्चित वर्ग के अभ्यर्थियों का ही पंजीकरण किया जा रहा है। इस व्यवस्था में राज्य के अन्य अभ्यर्थियों का आउटसोर्स कार्मिक के रूप में प्रतिनिधित्व कम है, जबकि सेवायोजन कार्यालयों में पंजीकरण कराने वाले अभ्यर्थियों की संख्या में लगातार बढ़ती जा रही है।
ऐसी स्थिति में राज्य में आउटसोर्सिंग के माध्यम से कार्मिकों की सेवाएं लिए जाने के संबंध में एक निश्चित व्यवस्था बनाए जाने और सभी वर्ग के अभ्यर्थियों को आउटसोर्सिंग के माध्यम से कार्य करने का अवसर देने के लिए कौशल विकास एवं सेवायोजन विभाग के अंतर्गत एनआईसी के माध्यम से आउटसोर्सिंग रोजगार प्रयाग पोर्टल विकसित किया गया है। इस व्यवस्था में विभागों की ओर से सबसे पहले जेम पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराया जाएगा। फिर विभाग अपने यहां रिक्त पदों का ब्योरा भरेंगे। इसके बाद रिक्त पदों के सापेक्ष पंजीकृत युवा आवेदन करेंगे।
शासनादेश के जारी होने की तिथि से पूर्व यदि किसी विभाग में किसी सेवाप्रदाता की ओर से आउटसोर्स कार्मिक उपलब्ध कराए गए हैं तो ऐसी स्थिति में पूर्व के कर्मियों को समाहित करते हुए आउटसोर्सिंग की रिक्तियों की गणना की जाएगी। यदि किसी विभाग में 100 पद आउटसोर्स के हैं और 30 कार्मिक पहले से कार्यरत हैं। ऐसी स्थिति में पूर्व से कार्यरत अभ्यर्थियों का ब्योरा पोर्टल पर पहले से प्रस्तुत किया जाएगा।
जरूरी है रोजगार प्रयाग पोर्टल पर पंजीकरण
वर्तमान में सेवायोजन विभाग की ओर से युवाओं का पंजीयन अपुणि सरकार पोर्टल के माध्यम से किया जा रहा है। किसी भी अभ्यर्थी की ओर से आउटसोर्सिंग कार्मिक के रूप में कार्य करने लिए रोजगार प्रयाग पोर्टल पर पंजीयन कराया जाना होगा। यदि अभ्यर्थी पूर्व से सेवायोजन कार्यालय में पंजीकृत है, तो पंजीयन संख्या एवं तिथि और पंजीयन प्रमाणपत्र अपलोड करने के बाद रोजगार प्रयाग पोर्टल पर पंजीयन कर अपना प्रोफाइल बनाना होगा।
एक बार में पूरे आवेदन नहीं आने पर तीन बार बढ़ाई जाएगी तिथि
आवेदन करने की अंतिम तिथि तक रिक्ति के सापेक्ष पूर्ण आवेदन प्राप्त नहीं होने पर सेवाप्रदाता की ओर से दूसरी बार तिथि बढ़ाने की कार्यवाही की जाएगी। इसी प्रकार दूसरी बार भी पूर्ण आवेदन प्राप्त न होने पर सेवाप्रदाता तीसरी और अंतिम बार रिक्त पदों को प्रदर्शित करने की कार्यवाही करेगा। इन आवेदनों के लिए भी न्यूनतम सात दिन का समय दिया जाएगा।
आरक्षण और मानदेय का भी रखा जाएगा ध्यान
यदि प्रकरण विशेष में आरक्षण से संबंधित प्रचलित नियम लागू होने की स्थिति होगी तो संबंधित विभाग इस संबंध में कार्मिक विभाग का मत प्राप्त करते हुए आगे की कार्यवाही करेंगे। यदि मानदेय किसी विभाग में मानदेय का निर्धारण नहीं है तो इस संबंध में वित्त विभाग की सहमति प्राप्त की जाएगी।


सभी वर्ग के अभ्यर्थियों को आउटसोर्सिंग के माध्यम से कार्य करने का अवसर प्रदान किये जाने हेतु कौशल विकास एवं सेवायोजन विभाग को आउटसोर्सिंग एजेंसी बनाया गया : सौरभ बहुगुणा
देहरादून। कौशल विकास एवं सेवायोजन मंत्री सौरभ बहुगुणा के प्रयासों से कौशल विकास एवं सेवायोजन विभाग को आउटसोर्सिंग एजेंसी बनाया गया है। उत्तराखंड के शासकीय विभागों में भारत सरकार द्वारा विकसित “गवर्नमेंट ई- मार्केटप्लेस जेम” के माध्यम से आउटसोर्सिंग कार्मिकों की पूर्ति की व्यवस्था लागू की गई है।
अब उत्तराखंड राज्य के विभिन्न राजकीय विभागों में उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम लिमिटेड (उपनल) एवं युवा कल्याण एवं प्रांतीय रक्षक दल (पीआरडी) की भांति सेवायोजन कार्यालय भी आउटसोर्स कार्मिकों की पूर्ति करेगा। इस संबंध में कौशल विकास एवं सेवायोजन अनुभाग के अंतर्गत राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र (एनआईसी) द्वारा विकसित किए गए “रोजगार प्रयाग पोर्टल” के माध्यम से आउटसोर्स कार्मिकों की पूर्ति संबंधी नियमावली को राज्यपाल द्वारा स्वीकृति दे दी गई है।
कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा ने बताया कि, राज्य के विभिन्न राजकीय विभागों में उपनल एवं पीआरडी के माध्यम से आउटसोर्स कार्मिकों की पूर्ति की जा रही है। उक्त दोनों एजेसियों द्वारा एक निश्चित वर्ग के अभ्यर्थियों का ही पंजीकरण किया जा रहा है। इस व्यवस्था में राज्य के अन्य अभ्यर्थियों का आउटसोर्स कार्मिक के रूप में प्रतिनिधित्व कम है।
जबकि सेवायोजन कार्यालयों में पंजीकरण कराने वाले अभ्यर्थियों की संख्या में निरन्तर वृद्धि हो रही है। ऐसी स्थिति में राज्य में आउटसोर्सिंग के माध्यम से कार्मिकों की सेवायें लिए जाने के सम्बन्ध में एक निश्चित व्यवस्था बनाये जाने तथा सभी वर्ग के अभ्यर्थियों को आउटसोर्सिंग के माध्यम से कार्य करने का अवसर प्रदान किये जाने हेतु कौशल विकास एवं सेवायोजन विभाग को आउटसोर्सिंग एजेंसी बनाया है।


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