नैनीताल: डीएम ने एक और शस्त्र लाइसेंस किया निरस्त, जानिए वजह
दूसरे व्यक्ति को जान से मारने की धमकी देने पर जिलाधिकारी ने धमकी देने वाले व्यक्ति को पूर्व में जारी शस्त्र लाइसेंस किया निरस्त
शस्त्र लाइसेंस किसी व्यक्ति का मौलिक अधिकार नहीं, बल्कि एक सशर्त विशेषाधिकार है, जो केवल ऐसे व्यक्ति को प्रदान किया जा सकता है जिसका आचरण समाज एवं लोक-शांति के लिए खतरा न हो। जिलाधिकारी रयाल
Nainital News- जिलाधिकारी कार्यालय से प्राप्त सूचना अनुसार, देवीदत्त पुत्र हरिदत्त निवासी डालकन्या गोनियारो तहसील धारी, हाल निवासी गंगा सूरजपुर कॉलोनी हरिपुर कलाँ थाना रायवाला जिला देहरादून द्वारा थाना रायवाला क्षेत्रांतर्गत गंगा सूरजपुर कॉलोनी, हरिपुर कला में अपने आवास के बाहर खड़े होकर शिकायतकर्ता को जान से मारने की धमकी दी गई। उनके द्वारा अपनी लाइसेंसी बंदूक से हवा में फायर किया गया, जिससे न केवल शिकायतकर्ता बल्कि क्षेत्र में निवासरत आम नागरिकों में भय व आतंक का वातावरण उत्पन्न हुआ।
उक्त घटना की गंभीरता को देखते हुए संबंधित व्यक्ति की लाइसेंसी बंदूक थाने में दाखिल कराई गई।
इस संबंध में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून की आख्या के अनुसार जानकारी प्राप्त हुई कि संबंधित व्यक्ति के विरुद्ध पूर्व से भी आपराधिक मुकदमे पंजीकृत हैं। विपक्षी को पूर्व में न्यायालय द्वारा कारावास की सजा तथा ₹4000/- के अर्थदंड से दंडित भी किया जा चुका है।
इसके अतिरिक्त विपक्षी एनडीपीएस अधिनियम के अंतर्गत भी न्यायालय से दोष सिद्ध है। इससे यह स्पष्ट होता है कि विपक्षी का आचरण कानून सम्मत, संयमित एवं जिम्मेदार नागरिक जैसा नहीं है।
जिलाधिकारी/जिला मजिस्ट्रेट ने कहा कि
शस्त्र लाइसेंस किसी व्यक्ति का मौलिक अधिकार नहीं, बल्कि एक सशर्त विशेषाधिकार है, जो केवल ऐसे व्यक्ति को प्रदान किया जा सकता है जिसका आचरण समाज एवं लोक-शांति के लिए खतरा न हो।
उन्होंने कहा कि प्रकरण से यह प्रतीत होता है कि संबंधित व्यक्ति द्वारा लाइसेंसी शस्त्र का प्रयोग आत्मरक्षा हेतु न होकर भय उत्पन्न करने एवं धमकी देने के उद्देश्य से किया गया, जो शस्त्र अधिनियम की मूल भावना के प्रतिकूल है।
उक्त व्यक्ति का आपराधिक पूर्ववृत्त, सिद्ध दोष, तथा हवा में फायरिंग जैसी लापरवाह एवं खतरनाक हरकत यह दर्शाती है कि भविष्य में भी इनके द्वारा शस्त्र का दुरुपयोग किए जाने की प्रबल संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।
ऐसे व्यक्ति के हाथ में शस्त्र बने रहना लोक व्यवस्था, जनसुरक्षा एवं सार्वजनिक शांति के लिए गंभीर खतरा है।
उपरोक्त समस्त तथ्यों, पुलिस आख्या, विपक्षी के आपराधिक इतिहास एवं लोकहित को दृष्टिगत रखते हुए यह स्पष्ट रूप से निष्कर्ष निकलता है कि विपक्षी देवी दत्त भट्ट को शस्त्र लाइसेंस पर बनाए रखना जनहित एवं सार्वजनिक सुरक्षा के प्रतिकूल है।
इस संबंध में जिलाधिकारी ललित मोहन रयाल ने शस्त्र अधिनियम, 1959 की सुसंगत धाराओं के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए विपक्षी का शस्त्र लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निरस्त किए जाने के आदेश जारी किए गए हैं।
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