नैनीताल- जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव मतदान मामले में आया फैसला

जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में निरस्त मत की टेम्परिंग के आरोप गलत साबित
जांच में गलत साबित हुए आरोप
शुक्रवार को हाईकोर्ट में होगी सुनवाई
नैनीताल। जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में निरस्त मत की टेम्परिंग के आरोप गलत साबित हुए हैं। गुरुवार को जांच के लिए हाईकोर्ट के अधिवक्ता जिला कार्यालय पहुंचे थे। कांग्रेस ने मतगणना में गड़बड़ी का आरोप लगाया था। कोर्ट ने सुरक्षित मतगणना की वीडियोग्राफी देखने को कहा था। टीम ने बंद कमरे में मतपत्रों की जांच शुरू की। जिसके बाद फैसला सुनाया।
शुक्रवार को हाईकोर्ट में होगी सुनवाई
जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए पड़े मतों में से निरस्त एक मत के टेम्परिंग के आरोप जांच में गलत निकले। इस मामले में शुक्रवार को हाईकोर्ट में सुनवाई होगी।
इससे पहले गुरुवार को मामले की जांच को हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं की टीम जिला कार्यालय पहुंची। कलेक्ट्रेट में पुलिस की ओर से कड़े सुरक्षा प्रबंध किये गए। याचिकाकर्ता कांग्रेस समर्थित जिला पंचायत सदस्य पूनम बिष्ट के अधिवक्ताओं ने चीफ जस्टिस कोर्ट में सुनवाई के दौरान आरोप लगाया था कि मतगणना में गड़बड़ी की गई है और एक निरस्त मत में टेम्परिंग की गई है।
जिसके बाद कोर्ट में सरकार की ओर से महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर सहित तीन, याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अवतार सिंह रावत सहित तीन तथा राज्य निर्वाचन आयोग के अधिवक्ता संजय भट्ट तथा दोनों अध्यक्ष पद की प्रत्याशियों को जिला कार्यालय में सुरक्षित मतगणना की वीडियोग्राफी व सीसीटीवी फुटेज देखने को कहा था।




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