Uttarakhand: अंत्येष्टि के तीन दिन बाद मृतक की आई वीडियो कॉल, बोला मैं अभी जिंदा हूं–

पुत्र के जीवित मिलने से जहां परिवार में खुशी का माहौल है वहीं सब हैरान हैं कि जिस व्यक्ति का अंतिम संस्कार किया गया आखिर वह कौन था?
Udham Singh Nagar News: उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले से एक अंचभित करने वाला मामला सामने आया है। जहां परिजनों ने एक अज्ञात के शव की शिनाख्त अपने पुत्र के रूप में करते हुए उसका अंतिम संस्कार कर दिया। वहीं 3 दिन बाद पुत्र का अचानक वीडियो कॉल आया और वह कहने लगा मैं तो अभी जिंदा हूं। मामला उधम सिंह नगर के खटीमा का है। बुधवार को परिजन रुद्रपुर जाकर अपने पुत्र को ले आए इसके बाद से घर में खुशी का माहौल है। अब शहर में इस बात को लेकर चर्चा है कि जिसका अंतिम संस्कार किया वह कौन था, किस कारण से इतनी बड़ी चूक हुई।
बता दें कि धर्मानंद भट्ट का पुत्र नवीन भट्ट उम्र 42 वर्ष किन्हीं कारणों से परिवार और बच्चों से काफी समय से अलग रह रहा था। 25 नवंबर को हल्द्वानी पुलिस से नवीन के पिता धर्मानंद भट्ट को सूचना मिली कि सुशीला तिवारी अस्पताल में बीमारी के चलते नवीन भट्ट की मौत हो गई है। सूचना मिलने के बाद धर्मानंद भट्ट और अन्य ग्रामीण शव को लेने हल्द्वानी पहुंचे। परिवार वालों ने शव की शिनाख्त अपने पुत्र नवीन भट्ट के रूप में की। 26 नवंबर को शारदा घाट बनबसा में हिंदू रीति रिवाज के साथ शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
तीन दिन बाद 29 नवंबर को रुद्रपुर में होटल चलाने वाले नवीन के भाई केशव दत्त भट्ट को उसके मित्र का फोन आया की 3 दिन से होटल क्यों बंद है, जिस पर केशव ने बताया कि उसके भाई नवीन की मौत हो चुकी है, जिस कारण से होटल बंद किया हुआ है। केशव की बात सुनकर मित्र भौच्चका का रह गया।
मित्र ने बताया कि जिस नवीन की मौत की बात आप कह रहे हैं आपके भाई नवीन को तो उसने अभी देखा है। अगर आपको यकीन ना हो तो वह वीडियो कॉल से उससे बात करा सकता है। केशव ने मित्र के नवीन के साथ वीडियो कॉल कर बात कराई। बात होने के बाद परिजन तत्काल रुद्रपुर रवाना हुए और नवीन को अपने साथ ले आए। शाम को जब नवीन घर पहुंचा तो परिवार में खुशी का माहौल था। अब बड़ा सवाल यह उठता है कि जिस व्यक्ति का अंतिम संस्कार किया गया आखिर वह कौन था और किस स्तर पर इतनी बड़ी चूक हुई। जिस युवक का अंतिम संस्कार किया गया वह रुद्रपुर में भर्ती था, उसकी मौत हल्द्वानी में हुई और अंतिम संस्कार बनबसा में किया गया। इस कारण उसकी शिनाख्त करना चुनौती बना हुआ है। नवीन के परिजनों का कहना था कि उसका चेहरा और कदकाठी हुबहू नवीन की भांति लग रही थी।
फिलहाल यह मामला जहां क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है वहीं मृतक युवक की शिनाख्त करना भी पुलिस के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है।
फिर से हुई नामकरण, यज्ञोपवीत संस्कार व विवाह की रश्में
खटीमा। रोचक घटना में गुरुवार को जन्म से लेकर विवाह तक के कार्यक्रम दुबारा संपन्न कराए गए। बुधवार शाम को वापस लौटे नवीन भट्ट का नामकरण किया गया। पंडित आनंद बल्लभ जोशी ने नवीन को नया नाम नारायण भट्ट दिया। उसके बाद यज्ञोपवीत संस्कार हुआ। कन्या पक्ष के चाचा और मां टनकपुर से आए। वर पक्ष से बातचीत के बाद विवाह की रस्म भी पूरी की गई। चार घंटे में जीवनभर के संस्कार कराए गए।
पंडित आनंद बल्लभ जोशी ने बताया कि वह सुबह आठ बजे मजरा फार्म पहुंच गए थे। सबसे पहले उन्होंने नामकरण संस्कार किया। नवीन भट्ट को नया नाम नारायण भट्ट दिया गया। कहा कि नवीन को हिंदू धर्म के अनुसार नया जन्म मिला है। नवीन अब नारायण के नाम से जाना जाएगा। जिसके बाद उसका यज्ञोपवीत संस्कार व विवाह की रश्में की गई।
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