हल्द्वानी: रकसिया – देवखड़ी नालों में अतिक्रमण रोकथाम व मानसून सुरक्षा हेतु जिलाधिकारी की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय बैठक

हल्द्वानी। शुक्रवार को कैंप कार्यालय, हल्द्वानी में जिलाधिकारी, वंदना सिंह, की अध्यक्षता में रकसिया एवं देवखड़ी नालों में अतिक्रमण तथा मानसून के दौरान संभावित जन-धन हानि की रोकथाम हेतु एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई।
बैठक में जिला अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी प्रतीप बिष्ट, नगर आयुक्त, नगर निगम हल्द्वानी, ऋचा सिंह, उपजिलाधिकारी, राहुल शाह, परियोजना प्रबंधक यूयूएसडीए (पीआईयू), कुलदीप सिंह, नगर निगम के पार्षदगण, आवास विकास क्षेत्र के निवासीगण एवं अन्य स्थानीय जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।
बैठक में उपजिलाधिकारी द्वारा जानकारी दी गई कि विगत वर्षों में नालों पर अतिक्रमण एवं निर्माण कार्यों के कारण भारी वर्षा के दौरान जल प्रवाह बाधित हुआ है, जिससे सड़कों एवं आवासीय क्षेत्रों में जल भराव से जन-धन की हानि हुई। ऐसी घटनाओं से नागरिकों में असंतोष भी व्याप्त रहा है। वर्तमान में रकसिया एवं देवखड़ी नालों का सर्वे कर अतिक्रमण चिह्नित किए गए हैं एवं संबंधितों को नोटिस जारी किए गए हैं।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने सुझाव दिया कि जिन व्यक्तियों को नोटिस जारी किए गए हैं, उन्हें अभिलेख प्रस्तुत कर अपना पक्ष रखने का समुचित अवसर दिया जाना चाहिए। इस पर जिलाधिकारी द्वारा निर्देशित किया गया कि सभी पक्षों को पर्याप्त समय व उचित अवसर प्रदान किया जाए तथा अभिलेखीय परीक्षण एवं स्थलीय निरीक्षण के उपरांत ही निर्णय लिया जाए।
बैठक में एक चरणबद्ध कार्ययोजना भी तय की गई, जिसकी समय-सारणी निम्नानुसार है:
- 23 से 29 जून, 2025: चिन्हित स्थलों पर नगर निगम, राजस्व एवं सिंचाई विभाग की संयुक्त टीमों द्वारा कैम्प आयोजित कर अभिलेख आमंत्रित किए जाएंगे।
- 29 जून से 10 जुलाई, 2025: विभागीय अधिकारी अभिलेखों की जांच कर अतिक्रमणों की श्रेणीवार सूची तैयार करेंगे।
- 10 जुलाई से 25 जुलाई, 2025: स्थलीय निरीक्षण एवं अभिलेखीय सत्यापन कर नालों की वास्तविक स्थिति की जांच की जाएगी।
- 25 जुलाई से 1 अगस्त, 2025: सभी पक्षों की सुनवाई के बाद संबंधित विभागों द्वारा अतिक्रमणों का निराकरण किया जाएगा।
- अगस्त 2025 के द्वितीय सप्ताह तक: हितधारकों की उपस्थिति में समीक्षा बैठक आयोजित कर अंतिम कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।
जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि वर्तमान मानसून को ध्यान में रखते हुए, ऐसे अतिक्रमण जो नाले के मध्य स्थित हैं अथवा गंभीर खतरा उत्पन्न कर सकते हैं, उन्हें तत्काल चिन्हित कर मुनादी कराते हुए हटाने की कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।
उन्होंने सभी संबंधित विभागों को निर्देशित किया कि उपरोक्त कार्ययोजना के अंतर्गत समन्वित एवं समयबद्ध ढंग से कार्यवाही करते हुए मानसून जनित संभावित आपदाओं से नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।


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