कम मार्जिन से हारते मगर हार निश्चित थी : हरीश रावत
देहरादून। उत्तराखंड में भाजपा ने एक बार फिर पांचो लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज कराई है। 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को हार मिलने का सबसे बड़ा कारण टिकट बंटवारा भी माना जा रहा था। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने भी माना था कि लोकसभा चुनाव में अगर पार्टी के बड़े नेताओं को टिकट मिलता तो चुनावी परिणाम कुछ और होते। उनके मुताबिक यदि अल्मोड़ा से यशपाल आर्य, हरिद्वार लोकसभा से हरीश रावत या फिर मुझे टिकट मिलता, इसी तरह टिहरी से प्रीतम सिंह चुनाव लड़ते तो इन तीनों सीटों पर कांग्रेस की जीत होती।
माहरा के इस बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बड़े नेताओं के चुनाव लड़ने से भले ही वोटों के लिहाज से हार का अंतर कम होता, मगर लोकसभा चुनाव में हार निश्चित होती। उन्होंने इसकी वजह भी बताई है।हरीश रावत ने कहा कि करन माहरा ने बिल्कुल ठीक कहा है। अगर पार्टी के वरिष्ठ नेता चुनाव लड़ते तो जहां पहले दो से ढाई लाख मतों से हार होनी थी,तब पचार हजार वोटों के अंतर से हार होती।
उन्होंने इसकी वजह बताते हुए कहा कि वोटिंग पैटर्न का अध्ययन किया जाए तो कुछ ऐसी चीजें हुई, जिससे हमने पर्वतीय लोगों का विश्वास खो दिया । उस विश्वास को कांग्रेस दोबारा कैसे हासिल करे, इस पर कांग्रेस को मनन करना होगा। हरीश रावत का कहना है कि बहुत बारीकी से हार का विश्लेषण करने के बाद वह इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि अगर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता उत्तराखंड की लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ते तो 40 से 50 हजार वोटो का अंतर जरूर पड़ता।
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