Haldwani Violence: डीएम – एसएसपी की प्रेस कॉन्फ्रेंस , जानिए ताजा हालात और देखें बड़ा खुलासा
Haldwani News: बनभूलपुरा में गुरुवार को अतिक्रमण हटाए जाने के दौरान हुए उपद्रव और आगजनी के बाद आज जिलाधिकारी वंदना सिंह और एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा ने संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जिलाधिकारी ने बताया कि अब तक इस उपद्रव में दो लोगों की मौत हुई है। तीन लोग अति गंभीर रूप से घायल है और अन्य दर्जनों घायल हैं। जिनका उपचार चल रहा है। हालात को नियंत्रित करने के लिए रैपिड एक्शन फोर्स RAF और सीआरपीएफ की पांच टीमें तैनात की गई है। उपद्रव आगजनी तोड़फोड़ सरकारी कार्य में बाधा सहित अन्य गंभीर मामलों में तीन अलग-अलग FIR रजिस्टर की गई है। सुरक्षा की दृष्टि से इलाके में कर्फ्यू लगाया गया है और 1100 पुलिसकर्मी भी तैनात किए गए हैं वर्तमान में स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है।
वहीं जिलाधिकारी ने बताया कि अब तक चार उपद्रवी को हिरासत में लिया गया है और बताया गया है कि पिछले 5-6 दिनों से अपनी घरों की छत में वहां के लोग पत्थर इकट्ठा कर रहे थे सबसे पहले अतिक्रमण तोड़ने गई नगर निगम की टीम पर पथराव हुआ फिर बनभूलपुरा थाने का घिराव और आगजनी हुई है इस दौरान भीड़ ने असलहों का भी प्रयोग किया है। प्रशासन के सामने शहर को बचाना पहली प्राथमिकता थी। फिलहाल प्रशासन अग्रिम कार्रवाई में जुट गया है।
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पूरी प्लानिंग के तहत हुआ पुलिस प्रशासन पर हमला
वंदना सिंह ने बताया, “हाईकोर्ट के आदेश के बाद हल्द्वानी में जगह-जगह अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की गई। सभी को नोटिस और सुनवाई के अवसर दिए गए, कुछ ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, कुछ को समय दिया गया, जबकि कुछ को समय नहीं दिया गया। जहां समय नहीं दिया गया वहां पीडब्ल्यूडी और नगर निगम की ओर से डिमोलिशन अभियान चलाया गया। यह कोई पृथक गतिविधि नहीं थी और किसी विशेष परिसंपत्ति को टारगेट करके की गई गतिविधि नहीं थी।” डीएम वंदना सिंह ने कहा, “आप वीडियो में देख सकते हैं कि पुलिस बल किसी को उकसा और मार नहीं रहा है या किसी को नुकसान नहीं पहुंचा रहा है।”
डीएम ने बताया, “हमने डिमोलिशन अभियान जारी रखने का फैसला किया, क्योंकि परिसंपत्तियों पर कोई रोक नहीं थी, किसी व्यक्ति का अधिकार नहीं था… विभिन्न स्थानों पर अतिक्रमण हटाने की कानूनी प्रक्रिया चल रही है और इसलिए यहां भी ऐसा किया गया। हमारी टीमें और संसाधन मूव हुई और किसो को उकसाया या नुकसान नहीं पहुंचाया गया, जिससे जनसंपत्ति की हानि हमारी टीमों (पुलिस और प्रशासन) के माध्यम से हो। अभियान शांतिपूर्ण ढंग से शुरू हुआ… पूरी प्रक्रिया ठीक से होने के बावजूद आधे घंटे के भीतर एक बड़ी भीड़ ने हमारी नगर निगम टीम पर पहला हमला किया।”
उन्होंने कहा, “ये योजना बनाई गई थी कि जिस दिन डिमोलिशन अभियान चलाया जाएगा उस दिन बलों पर हमला किया जाएगा… हमने पत्थरों वाली पहली भीड़ को तितर-बितर कर दिया गया और दूसरी भीड़ जो आई उसके पास पेट्रोल से भरे बोतल थे उसमें उन्होंने आग लाग के फेंकी।..तब तक हमारी टीम ने कोई बल प्रयोग नहीं किया था।
उन्होंने कहा, “…भीड़ ने थाने को घेर लिया और थाने के अंदर मौजूद लोगों को बाहर नहीं आने दिया गया। उन पर पहले पथराव किया गया और फिर पेट्रोल बम से हमला किया गया। थाने के बाहर वाहनों में आग लगा दी गई और धुएं के कारण दम घुटने लगा…पुलिस थाने की सुरक्षा के लिए ही आंसू गैस और पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया।
परिसंपत्तियों के नुकसान में मुख्य रूप से थाना को पूरी तरह से नुकसान हुआ है। भीड़ ने पुलिस स्टेशन को क्षतिग्रस्त कर दिया…यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। आरोपियों की पहचान कर सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह सांप्रदायिक घटना नहीं थी। तो इसे सांप्रदायिक या संवेदनशील न बनाया जाए। किसी विशेष समुदाय ने जवाबी कार्रवाई नहीं की…यह राज्य मशीनरी, राज्य सरकार और कानून व्यवस्था की स्थिति को चुनौती देने का एक प्रयास था…शाम को फिर से ब्रीफिंग की जाएगी।
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