चालक कल्याण समिति का गठन, हुकम सिंह कोरंगा बने अध्यक्ष- Nainital News

बैठक में छलका वाहन चालकों का दर्द, बीमा सुरक्षा और वेतन नियमितीकरण की रखी मांग
शांतिपुरी/बिंदुखत्ता/लालकुआं।
नैनीताल और उधमसिंह नगर जनपद के सैकड़ों वाहन चालकों ने शनिवार को इमलीघाट मैदान में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की। इस बैठक में लंबे समय से उपेक्षित वाहन चालकों की समस्याओं को विस्तार से रखा गया और उनके समाधान के लिए ठोस कदम उठाने पर जोर दिया गया। बैठक का सबसे अहम निर्णय चालक कल्याण समिति का गठन रहा, जिसके अध्यक्ष पद पर सर्वसम्मति से हुकम सिंह कोरंगा को चुना गया।
बैठक के दौरान वाहन चालकों ने अपने जीवन की कठिनाइयों को साझा करते हुए कहा कि वे दिन-रात कठिन परिश्रम करते हैं, लेकिन उन्हें हर महीने नियमित वेतन नहीं मिलता। बीमार पड़ने पर किसी तरह की आर्थिक सहायता नहीं मिलती, जिससे उनका जीवन संकट में आ जाता है। सबसे बड़ी समस्या बीमा प्रणाली की बताई गई। चालकों ने कहा कि अधिकांश वाहन मालिक केवल थर्ड पार्टी बीमा करवाते हैं, जिसके कारण दुर्घटना में चालक की मृत्यु होने पर परिवार को बीमा कंपनी की ओर से अनुमन्य दो लाख रुपये का लाभ भी नहीं मिलता। परिणामस्वरूप मृतक चालक का परिवार अचानक आर्थिक संकट में डूब जाता है और सड़क पर आ जाता है। इस पीड़ा को सुनाते हुए कई चालक भावुक होकर रो पड़े।
बैठक में यह मांग जोर-शोर से उठाई गई कि जिस तरह वाहन का बीमा अनिवार्य है, उसी प्रकार चालकों का विशेष दुर्घटना बीमा भी परिवहन विभाग के माध्यम से अनिवार्य किया जाना चाहिए। चालकों ने सरकार से अपील की कि उनके कल्याण के लिए ठोस योजना बने, ताकि उनके परिवार सुरक्षित रह सकें और उन्हें सम्मानजनक जीवन मिल सके।
इस मौके पर कई सामाजिक कार्यकर्ताओं और पत्रकारों ने भी विचार रखे। समाजसेवी पियूष जोशी ने कहा कि वाहन चालकों और मालिकों की आजीविका एक-दूसरे से गहराई से जुड़ी हुई है। उन्होंने बतौर संरक्षक बताया कि चालकों को एकमत होकर गोला संघर्ष समिति और डंपर एसोसिएशन जैसे संगठनों के साथ मिलकर संघर्ष करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब वाहन मालिकों को अच्छा मुनाफा होगा तो उसी का अनुपातिक लाभ चालकों को भी अवश्य मिलना चाहिए। इसके लिए उन्होंने भविष्य में एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने पर जोर दिया।
सामाजिक कार्यकर्ता लाखन सिंह मेहता ने कहा कि वाहन चालकों को गोला चलने के समय वाहन मालिकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि बड़ी कारोबारी लॉबी के विरुद्ध संघर्ष करने के लिए चालक और स्वामी दोनों का एकजुट होना बेहद जरूरी है। “जब वाहन मालिकों को अच्छा रेट मिलेगा तभी वे चालक की सैलरी में बढ़ोतरी कर पाएंगे,”।
बैठक में समिति का औपचारिक गठन किया गया। संरक्षक मंडल में सामाजिक कार्यकर्ता पियूष जोशी, समाजसेवी लाखन सिंह मेहता, वरिष्ठ पत्रकार जीवन जोशी और सामाजिक कार्यकर्ता भूपेंद्र कोरंगा को शामिल किया गया। अध्यक्ष पद पर हुकम सिंह कोरंगा का चुनाव किया गया, जबकि अन्य पदों पर दोनों जनपदों के चालकों को समान रूप से कार्यकारी और सक्रिय सदस्य नियुक्त किया गया।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि चालक और मालिकों के बीच शालीन एवं ईमानदार व्यवहार बनाए रखा जाएगा। समिति का मानना है कि जब मालिक को लाभ होगा तभी चालक को भी समय पर वेतन और अन्य सुविधाएं मिल पाएंगी। हालांकि, यदि किसी चालक को समय पर वेतन नहीं मिलता है, तो वह मामला समिति के समक्ष रखा जाएगा और समिति उस पर उचित निर्णय लेगी।
अंत में यह भी तय किया गया कि समिति का जल्द ही पंजीकरण कराया जाएगा। इसके बाद एक मांग पत्र लेबर कमिश्नर के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भेजा जाएगा। इस मांग पत्र में चालकों की बीमा सुरक्षा, नियमित वेतन और उनके कल्याण हेतु नीतिगत कदम उठाने की मांग प्रमुख रूप से रखी जाएगी।
बैठक ने यह संदेश दिया कि यदि सरकार और समाज दोनों वाहन चालकों की समस्याओं की ओर गंभीरता से ध्यान दें, तो उनके जीवन में बड़ा सुधार संभव है। यह समिति आगे चलकर चालकों के अधिकारों की रक्षा और उनके जीवन स्तर में सुधार की दिशा में एक मजबूत कदम साबित हो सकती है।
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