देहरादून -(बड़ी खबर): आईएएस रामविलास यादव को भेजा जेल , पत्नी भी हो सकती है गिरफ्तार

देहरादून। उत्तराखंड से आज की सबसे बड़ी खबर, आईएएस अधिकारी राम विलास यादव को 14 दिन की निययिक हिरासत में भेज दिया गया ADJ 2 ने दिए आदेश सुद्दोवाला जेल भेजा गया आईएएस अधिकारी को।
- पत्नी से भी पूछताछ करेगी विजिलेंस , गिरफ्तारी की लटकी तलवार
मोटा माल कमाने वाले आईएएस रामविलास यादव ने विजिलेंस के अधिकारियों को गोलमोल जवाब देकर टरकाते रहे। बुधवार को कई घण्टे तक चली पूछताछ में विजिलेंस को कई सवालों का जवाब नहीं मिल पाये। इन सवालों के जवाब व पुख्ता तथ्यों के लिए अब विजिलेंस रामविलास यादव की पत्नी कुसुम विलास यादव से पूछताछ करेगी।
Ias रामविलास यादव गुरुवार को विजिलेंस के डायरेक्टर अमित सिन्हा ने कहा कि आईएएस अधिकारी रामविलास यादव (ias Ramvilas yadav) की पत्नी को भी विजिलेंस ने नोटिस भेजा था लेकिन कुसुम विलास यादव नहीं पहुंची। सिन्हा ने कहा कि हर बात पर आईएएस रामविलास यही कहते रहे कि उन्हें कुछ नहीं पता । पत्नी को पता है।
अमित सिन्हा ने कहा कि कमोबेश सभी प्रॉपर्टी में रामविलास और उनकी पत्नी का नाम है। लिहाजा विजिलेंस पत्नी से भी पूछताछ करेगी। ऐसा लगाता है कि यादव कुछ गंभीर चीजों को छुपा रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि विजिलेंस रामविलास यादव की पत्नी को भी गिरफ्तार कर सकती है।विजिलेंस देहरादून सेक्टर की एसपी रेनू लोहानी और विवेचक डीएसपी अनुषा बडोला ने उनसे पूछताछ की।यादव, पारिवारिक सदस्यों के नाम अर्जित सम्पत्तियों के बारे में पूछे गये प्रश्नों का संतोषजनक जबाव नहीं दे पाए। यही नहीं, अपने, दिलकश विहार रानीकोठी लखनऊ स्थित आवास, गुडम्बा में संचालित जनता विद्यालय, नोएडा में क्रय की गई भूमि की रजिस्ट्री, गाजीपुर जिले में 10 बीघा जमीन, एफडी/खातों में जमा धनराशि, पारिवारिक सदस्यों के बैंक खातों में जमा धनराशि एवं पारिवारिक खर्चो के बारे में भी वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाये और न ही कोई अभिलेख प्रस्तुत कर पाए। लंबी पूछताछ के बार रात करीब सवा दो बजे विजिलेंस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी से पहले शासन ने उन्हें निलंबित कर दिया था।
- गिरफ्तारी मामले में नैनीताल हाईकोर्ट में हुई सुनवाई
नैनीताल हाईकोर्ट में आय से अधिक संपत्ति मामले पर अपर सचिव समाज कल्याण राम विलाश यादव की गिरफ्तारी मामले पर हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को 19 जुलाई तक स्थिति स्पष्ट करते हुए विस्तृत जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं। आज हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि रामविलास यादव को विजिलेंस ने गिरफ्तार कर लिया जबकि वे जांच में सहयोग कर रहे थे मामले को सुनने के बाद एकलपीठ ने सरकार से 19 जुलाई तक स्थिति स्पस्ट करने के आदेश दिए है।
हाई कोर्ट पहुंचे याचिकाकर्ता राम विलाश यादव ने पूर्व में याचिका दायर कर अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग करते हुए कोर्ट को बताया था कि उन पर आय से अधिक सम्पति अर्जित करने के आरोप लगाए गए है जो गलत है। जिस व्यक्ति ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज की उसके खिलाफ कई आपराधिक मुकदमे चल रहे है। इस मामले में उनको अपना पक्ष रखने का मौका तक नही दिया गया। सरकार ने जो कमेटी गठित की थी उनको पक्ष रखने से पहले ही भंग कर दिया गया।
आपको बता दे आईएएस अधिकारी राम विलास यादव उत्तराखंड सरकार में समाज कल्याण विभाग में अपर सचिव के पद पर कार्यरत है। पूर्व में यादव उत्तर प्रदेश सरकार में लखनऊ विकास प्राधिकरण के सचिव भी रह चुके है। इनके खिलाफ लखनऊ में एक व्यक्ति द्वारा आय से अधिक सम्पति रखने की शिकायत दर्ज की थी। जिसके आधार पर उत्तराखंड सरकार ने जाँच शुरू की। विजिलेंस टीम ने इनके लखनऊ , देहरादून व गाजीपुर ठिकानों पर छापा मारा जिसमे सम्पति से सम्बन्धी कई दस्तावेज मिले। जाँच करने पर इनके खिलाफ आय से 500 गुना अधिक सम्पति मिली। इसके आधार पर सरकार ने इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया । अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए आज उन्होंने माननीय उच्च न्यायलय की शरण ली। यादव उत्तर प्रदेश सरकार में एलडीए सचिव के साथ साथ मंडी परिषद के निदेशक भी रह चुके है। यादव को आज विजिलेंस के सम्मुख पेश होना था।
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