Nainital: अस्पतालों में फायर सेफ्टी मानकों की जांच , डीएम वंदना के निर्देशन में जिले भर में औचक निरीक्षण
नैनीताल। जिलाधिकारी वंदना सिंह के निर्देश पर रविवार को प्रशासन, अग्निशमन और स्वास्थ्य विभाग ने सरकारी और निजी अस्पतालों का औचक निरीक्षण करते हुए फायर सेफ्टी मानकों की बारीकी से जांच की। जिसमें सरकारी व निजी अस्पतालों में फायर सुरक्षा और उसके मानकों की दृष्टि से कई प्रकार की कमियां पाई गई। सिटी मजिस्ट्रेट ने कहा कि चैकिंग अभियान का क्रम सरकारी, निजी अस्पताल, नर्सिंग होम और डायग्नोस्टिक सेंटर में आगे भी जारी रहेगा।
रविवार दोपहर सिटी मजिस्ट्रेट ए पी बाजपेई ने अग्निशमन अधिकारी गौरव किरार और नगर स्वास्थ्य अधिकारी सहित शहर के सरकारी अस्पताल सोबन सिंह जीना बेस अस्पताल, महिला अस्पताल, सुशीला तिवारी अस्पताल, संजीवनी अस्पताल, साईं अस्पताल, तिवारी मैटरनिटी अस्पताल, नीलकंठ अस्पताल, का निरीक्षण किया। महिला अस्पताल का निरीक्षण करते हुए टीम ने आठ कमियां पाई जिसमें स्मोक डिटेकटर, स्प्रिंकल सिस्टम, होजिंग पाइप, कर्मचारियों को उपकरण चलाने का प्रशिक्षण ना हो पाना, इमरजेंसी डोर बंद पाए जाना जैसी कई कमियां मिलीं। इसके अलावा बेस अस्पताल में अग्निशमन विभाग के निर्देशों के क्रम में फायर एक्सटिंग्विशर, हाउसिंग पाइप, स्प्रिंकल सिस्टम एवं फायर हाइड्रेंट लगाए जाने की कार्यवाही प्रचलित पाई गई। इसके अलावा टीम ने सुशील तिवारी अस्पताल में चतुर्थ तल से छठेताल तक रैंप की व्यवस्था नहीं पाई गई तथा अस्पताल परिसर में स्प्रिंकल सिस्टम नहीं पाए गए। इसके अलावा तिवारी मेटरनिटी हॉस्पिटल में जब टीम ने निरीक्षण किया तो अस्पताल परिसर में फायर अलार्म एवं स्प्रिंकल सिस्टम नहीं पाए गए इसके अलावा हायर ऑडिट के समय अस्पताल गेट के बाहर की ओर खुल रहे हैं जो कि अग्निशमन सुरक्षा की दृष्टि से समस्त गेटों को अंदर की ओर खुलना चाहिए। साथ ही साइ अस्पताल में अलार्म पैनल कार्यशील दशा में नहीं पाए गए और स्प्रिंकल सिस्टम भी नहीं पाएंगे इसी प्रकार संजीवनी अस्पताल में रैंप सही नहीं पाया गया और अस्पताल परिसर में फायर हाइड्रेंट का मार्ग बाधित पाया गया जिससे कि दुर्घटना के समय फायर हाइड्रेंट से पानी आसानी से नहीं लिया जा सकता है। इसी प्रकार अस्पताल में कार्यरत कर्मचारियों को प्राथमिक अग्निशमन उपकरण चलाने का ज्ञान नहीं पाया गया। और अस्पताल में अग्निशमन अनापत्ति प्रमाण पत्र का नवीनीकरण नहीं पाया गया। ठीक इसी प्रकार नीलकंठ अस्पताल में द्वितीय तल एवं तृतीय तल में स्प्रिंकल सिस्टम नहीं पाएंगे साथ ही रैंप की व्यवस्था नहीं मिली। सिटी मजिस्ट्रेट ए पी बाजपेई ने बताया की सभी अस्पतालों को अग्निशमन विभाग को स्वास्थ्य विभाग की तरफ से नोटिस जारी किया जाएगा यदि निश्चित समय में फायर सुरक्षा के उपकरण व प्रशिक्षण प्राप्त कर्मचारी नहीं पाए गए तो अग्रिम वैधानिक कार्रवाई भी की जाएगी।
संयुक्त मजिस्ट्रेट वरुणा अग्रवाल ने बी डी पाण्डे हॉस्पिटल नैनीताल में किया अग्निशमन उपकरणों का निरीक्षण
नैनीताल। जिलाधिकारी नैनीताल के निर्देशों में संयुक्त मजिस्ट्रेट वरुणा अग्रवाल ने नैनीताल स्थित बी डी पाण्डे हॉस्पिटल में अग्निशमन उपकरणों का निरीक्षण किया, निरीक्षण के दौरान फ़ायर सेफ्टी उपकरणों को चेक किया गया।
चिकित्सालय में कुल 32 अग्निशमन उपकरण पाए गए, जो सुचारू रूप में है ।
हॉस्पिटल में दृढ़ अग्निशमन पाइपलाइन के दो उपकरणों में से एक उपकरण ख़राब पाया गया तथा फायर सेफ्टी बकेट ख़ाली पाये गये जिसके संबंध में मौक़े पर अस्पताल प्रबंधन को तत्काल आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये।
इसके अतिरिक्त आपातकालीन स्तिथि में निकासी रास्तों को चौड़ा तथा सुलभ करने के निर्देश मौक़े पर दिये गये।
रामनगर क्षेत्र के अस्पतालो में भी चला निरीक्षण अभियान
रामनगर क्षेत्र के अस्पतालों में सुरक्षा मानकों को बढ़ाने के उद्देश्य से आज एक संयुक्त निरीक्षण किया गया। यह निरीक्षण, जिला मजिस्ट्रेट नैनीताल श्रीमती वंदना के निर्देश पर, उप-जिलाधिकारी (एसडीएम) राहुल शाह, रामनगर परगना के अग्नि सुरक्षा अधिकारी और तहसीलदार रामनगर की सहभागिता में किया गया।
निरीक्षण टीम ने राम दत्त जोशी संयुक्त चिकित्सालय, संजीवनी अस्पताल, बृजेश अस्पताल, बाबा नीम करौली अस्पताल (पीरुमदारा), और सिंघल नर्सिंग होम का निरीक्षण किया। इस निरीक्षण का उद्देश्य अग्नि सुरक्षा उपायों जैसे कि फायर एक्सटिंग्विशर, फायर एग्जिट साइन, फायर अलार्म सिस्टम और पानी के हाइड्रेंट की उपलब्धता और कार्यक्षमता की समीक्षा करना था।
निरीक्षण के दौरान पाया गया कि संजीवनी अस्पताल, सिंघल नर्सिंग होम और बाबा नीम करौली अस्पताल में आवश्यक अग्नि सुरक्षा उपाय जैसे स्पष्ट फायर एग्जिट साइन और प्रत्येक मंजिल पर पानी के हाइड्रेंट होना नहीं पाया गया । इन खामियों को देखते हुए, एसडीएम राहुल शाह ने अग्नि सुरक्षा अधिकारी को इन संस्थानों को नोटिस जारी करने और एक सप्ताह के भीतर सभी आवश्यक अग्नि सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
इसके अतिरिक्त, राम दत्त जोशी संयुक्त चिकित्सालय में सभी वार्डों में एक व्यापक अग्नि अलार्म सिस्टम की कमी पाई गई। एसडीएम राहुल शाह ने अस्पताल प्रबंधन को निर्देश दिया है कि सभी वार्डों में फायर अलार्म सिस्टम स्थापित किया जाए ताकि संभावित अग्नि आपात स्थितियों का समय पर पता लगाया जा सके।
वहीं, बृजेश अस्पताल को फायर विभाग और नेशनल एक्रेडिटेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल्स (NABH) के मानकों के अनुसार पूरी तरह से अनुपालन करते हुए पाया गया। इस अस्पताल की मजबूत अग्नि सुरक्षा प्रोटोकॉल बनाए रखने की प्रतिबद्धता को निरीक्षण टीम द्वारा सराहा गया।
स्वास्थ्य संस्थानों के लिए अग्नि सुरक्षा को प्राथमिकता देना बेहद आवश्यक है। यह न केवल एक कानूनी अनिवार्यता है, बल्कि रोगियों, कर्मचारियों और आगंतुकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की नैतिक जिम्मेदारी भी है। गैर-अनुपालन करने वाले अस्पतालों को निर्धारित समय सीमा के भीतर आवश्यक सुधार करने का निर्देश दिया गया है, और अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए आगे के निरीक्षण किए जाएंगे।
यह संयुक्त निरीक्षण, रामनगर में स्वास्थ्य सुविधाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए जिला प्रशासन की निरंतर पहल का हिस्सा है। प्रशासन इस बात के लिए प्रतिबद्ध है कि क्षेत्र के सभी अस्पताल सख्त सुरक्षा मानकों का पालन करें, जिससे समुदाय को एक सुरक्षित वातावरण प्रदान किया जा सके।
लालकुआं में भी अस्पतालों का औचक निरीक्षण
लालकुआं। जिलाधिकारी के निर्देशों के क्रम में एसडीएम लालकुआं तुषार सैनी ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हल्दूचौड का प्रभारी चिकित्सक अधिकारी के साथ निरीक्षण किया। अस्पताल में अग्निशमन उपकरणों का निरीक्षण किया, निरीक्षण के दौरान फ़ायर सेफ्टी उपकरणों को चेक किया । चिकित्सालय में अग्निशमन हेतु वाटर पाइप लाइन है जो कार्य कर रही है। अस्पताल में फायर सेफ्टी बकेट अलग से रखने के निर्देश दिए गए।
इसके साथ ही लालकुआं बाजार में स्थित विश्वास हेल्थ केयर एंड डायग्नोस्टिक सेंटर की भी जांच की गई जिसमें दो अग्निशमन cylinder लगे हुए पाए गए। अस्पताल प्रशासन को सिलेंडरों की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए गए।
इसके अतिरिक्त आपातकालीन स्तिथि में निकासी रास्तों को चौड़ा तथा सुलभ करने के निर्देश मौक़े पर दिये गये।
कैंचीधाम एसडीएम के नेतृत्व में चला निरीक्षण अभियान
कैंचीधाम। जिलाधिकारी के निर्देशों के क्रम में एसडीएम विपिन पंत ने अस्पतालों में सुरक्षा मानकों का निरीक्षण किया।
निरीक्षण टीम ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र गरमपानी (खैरना), सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (सुयालबाड़ी) का निरीक्षण किया। इस निरीक्षण का उद्देश्य अग्नि सुरक्षा उपायों जैसे फायर एक्सटिंग्विशर, फायर एग्जिट साइन, फायर अलार्म सिस्टम की उपलब्धता और कार्यक्षमता की समीक्षा करना था।
निरीक्षण के दौरान सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र गरमपानी (खैरना) पर चार स्थानों पर फायर सिलेण्डर लगे होने पाये गये जिनकी तिथि वर्तमान में वैध है विभिन्न स्थानों पर धूम्रपान निषेध के बोर्ड लगे होने पाये गये। अस्पताल के ले आउट एवं अग्नि सुरक्षा की जानकारी अस्पताल कर्मचारियों को होनी पायी गयी। विद्युत उपकरण के रख-रखाव की उचित व्यवस्था होनी पायी गयी साथ ही विद्युत नियंत्रण कक्ष सुरक्षित व कवर्ड स्थान पर होना पाया गया। अस्पताल में किसी प्रकार की कोई ज्वलनशीन सामग्री या पदार्थ होना नहीं पाया गया। अस्पताल परिसर में अग्नि सुरक्षा, विद्युत तारों और आपातकालीन अवसंरचना सहित भवन सुरक्षा कोड का पालन होना पाया गया। ऑक्सीजन सिलेण्डर अस्पताल के बाहरी भाग में सुरक्षित स्थान पर होने लगे पाये गये। अस्पताल में फायर अलार्म सिस्टम लगा होना नहीं पाया गया। इस सम्बन्ध में प्रभारी चिकित्साधिकारी को फायर अलार्म सिस्टम स्थापित करने हेतु निर्देशित किया गया ताकि सम्भावित अग्नि आपात स्थितियों का समय पर पता लगाया जा सके। साथ ही आपातकालीन निकासी द्वार पर निकासी द्वार का बोर्ड लगाया जाना नहीं पाया गया इस सम्बन्ध में प्रभारी चिकित्साधिकारी को बोर्ड लगाने हेतु निर्देशित किया गया।
निरीक्षण के दौरान सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सुयालबाड़ी में चार स्थानों पर फायर सिलेण्ड लगे होने पाये गये जिनकी समाप्ति तिथि जुलाई 2024 होनी पायी गयी जो वर्तमान में अमान्य है तथा फायर अलार्म सिस्टम होना नहीं पाया गया। प्रभारी चिकित्साधिकारी को फायर सिलेण्डरों का नवीनीकरण एवं रिफिलिंग कराने तथा फायर अलार्म सिस्टम लगाने हेतु निर्देशित किया गया। ऑक्सीजन पाइप से ऑक्सीजन लीकेज होनी पायी गयी यद्यपि ऑक्सीजन पाइप से वर्तमान समय ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं की जा रही है तथापि प्रभारी चिकित्साधिकारी को उक्त सम्बन्ध में व्यवस्था बनाने हेतु निर्देशित किया गया। अस्पताल के ले आउट एवं अग्नि सुरक्षा की जानकारी अस्पताल कर्मचारियों को होनी पायी गयी। विद्युत उपकरण के रख-रखाव की उचित व्यवस्था होनी पायी गयी साथ ही विद्युत नियंत्रण कक्ष सुरक्षित स्थान पर होना पाया गया। अस्पताल में किसी
प्रकार की कोई ज्वलनशीन सामग्री या पदार्थ होना नहीं पाया गया। अस्पताल परिसर में अग्नि सुरक्षा, विद्युत तारों और आपातकालीन अवसंरचना सहित भवन सुरक्षा कोड का पालन होना पाया गया। अस्पताल में फायर अलार्म सिस्टम लगा होना नहीं पाया गया। इस सम्बन्ध में प्रभारी चिकित्साधिकारी को फायर अलार्म सिस्टम स्थापित करने हेतु निर्देशित किया गया ताकि सम्भावित अग्नि आपात स्थितियों का समय पर पता लगाया जा सके। साथ ही आपातकालीन निकासी द्वार पर निकासी द्वार का बोर्ड लगाया जाना नहीं पाया गया इस सम्बन्ध में प्रभारी चिकित्साधिकारी को बोर्ड लगाने हेतु निर्देशित किया गया।
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