चंपावत: शीतलहर- ठंड के मौसम से बचाव हेतु जनसुरक्षा को लेकर जिलाधिकारी की अपील
Champawat News- जिलाधिकारी मनीष कुमार की अध्यक्षता में जिला सभागार में शीतलहर एवं ठंड के मौसम से बचाव तथा जनसुरक्षा के दृष्टिगत बैठक आयोजित की गई।
बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि “सावधानी ही सुरक्षा है”, अतः सभी नागरिक ठंड से बचाव हेतु आवश्यक सतर्कता बरतें तथा प्रशासन द्वारा समय-समय पर जारी किए जा रहे दिशा-निर्देशों का अनिवार्य रूप से पालन करें।
जिलाधिकारी ने आमजन से अपील करते हुए कहा कि मौसम विभाग एवं जिला प्रशासन द्वारा जारी की जा रही सूचनाओं एवं सलाहों पर विशेष ध्यान दें। जहां तक संभव हो, अत्यधिक ठंड के दौरान घर के अंदर ही रहें तथा बाहर निकलते समय शरीर को पूरी तरह ढकने वाले परतदार गर्म वस्त्र पहनें। ठंड के मौसम में पोषक आहार जैसे दाल, सूप, खिचड़ी, हरी सब्जियां तथा विटामिन-सी युक्त फल—आंवला, संतरा एवं नींबू—का सेवन करें, जिससे शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बनी रहे।
उन्होंने बुजुर्गों, बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं दिव्यांगजनों का विशेष ध्यान रखने की अपील की। साथ ही अस्थमा, सी.ओ.पी.डी., हृदय रोग, मधुमेह एवं उच्च रक्तचाप से ग्रसित व्यक्तियों को नियमित दवाएं समय पर उपलब्ध कराने पर जोर दिया। त्वचा को शुष्क होने से बचाने हेतु नियमित रूप से तेल, क्रीम एवं मॉइस्चराइज़र के उपयोग की सलाह भी दी गई।
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. देवेश चौहान ने बताया कि हाइपोथर्मिया (अत्यधिक ठंड), सुन्नता, अत्यधिक कंपकंपी, सांस लेने में कठिनाई, सीने में दर्द अथवा भ्रम जैसे लक्षण दिखाई देने पर बिना देरी किए नजदीकी चिकित्सक अथवा स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें।
जिलाधिकारी ने संबंधित विभागों को निर्देशित किया कि बेघर व्यक्तियों, मजदूरों एवं रात्रिकालीन कार्य करने वाले लोगों के लिए गर्म कपड़े, कंबल एवं अलाव की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। साथ ही पालतू जानवरों को ठंड से बचाने हेतु उन्हें सुरक्षित आश्रय, सूखा बिछावन, पर्याप्त चारा एवं गुनगुना पानी उपलब्ध कराया जाए।
इसके अतिरिक्त जिलाधिकारी ने शीतकाल में लापरवाही से होने वाले खतरों के प्रति भी नागरिकों को सचेत किया। उन्होंने कहा कि हीटर, ब्लोअर अथवा अंगीठी का उपयोग करते समय खिड़की एवं दरवाजे पूरी तरह बंद न रखें तथा आग जलाने के लिए प्लास्टिक या रबर के टायर का प्रयोग न करें। शीतकाल के दौरान प्रातःकालीन सैर से बचें तथा अत्यधिक कोहरा या धुंध होने की स्थिति में वाहन न चलाएं। घनी धुंध अथवा तीव्र शीतलहर के समय अनावश्यक रूप से घर से बाहर निकलने से बचें।
उन्होंने यह भी कहा कि शीतकाल में प्रतिबंधित क्षेत्रों में प्रवेश न करें तथा तीव्र ढलानों, जमी हुई झीलों, नदियों एवं हिमपातग्रस्त क्षेत्रों में ट्रेकिंग से बचें। शराब एवं तंबाकू का सेवन न करें, क्योंकि यह शरीर का तापमान कम करता है और स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक है।
जिलाधिकारी ने समस्त नागरिकों से अपील की कि जनपद प्रशासन द्वारा विभिन्न स्थलों पर रैन बसेरों एवं अलाव की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। यदि कोई व्यक्ति खुले में सोता हुआ दिखाई दे, तो उसे नजदीकी रैन बसेरे में पहुंचाने अथवा इसकी सूचना तत्काल प्रशासन को देने में सहयोग करें।
इस दौरान जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र सिंह पटवाल, मुख्य शिक्षा अधिकारी मेहरबान सिंह बिष्ट समेत विभिन्न जिलास्तरीय अधिकारी मौजूद रहे।
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