अंकिता हत्याकांड: वकीलों ने किया आरोपियों की पैरवी करने से इनकार
पौड़ी गढ़वाल। अंकिता भंडारी हत्याकांड के आरोपित पुलकित आर्य, अंकित और सौरभ भास्कर की कोर्ट में पैरवी करने से कोटद्वार के वकीलों ने इनकार कर दिया है कोटद्वार बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय कुमार पंत की अध्यक्षता में हुई बैठक में निंदा प्रस्ताव पारित किया गया है वहीं, कोटद्वार में वकीलों द्वारा आरोपियों का मुकदमा नहीं लड़ने के फैसले के कारण सभी आरोपियों की जमानत पर सुनवाई नहीं हुई आरोपियों की न्यायिक हिरासत 6 अक्टूबर को खत्म हो रही है।
दरअसल, अंकिता भंडारी हत्याकांड को लेकर उत्तराखंड के साथ-साथ पूरे देश में आक्रोश है. ऐसे में अंकिता हत्याकांड को लेकर आरोपियों की बेल की अर्जी लगाने वाले विधिक प्राधिकरण की तरफ से नियुक्त रिमांड एडवोकेट ने अब केस लड़ने से मना कर दिया है। एडवोकेट जितेंद्र रावत ने कोटद्वार न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी भावना पांडे की अदालत में बेल अर्जी लगाई थी अब उन्होंने कहा कि मामले को संदेवनशीलता देखते हुए उन्होंने आरोपियों की बेल की अर्जी का प्रार्थना पत्र वापस ले लिया है।
अधिवक्ता जितेंद्र रावत ने कहा कि बुधवार को एसआईटी की टीम ने वनंत्रा रिजॉर्ट में काम करने वाले कर्मचारियों के कलमबंद बयान दर्ज किए हैं वहीं, आरोपियों से पूछताछ के लिए एसआईटी की तरफ से कोई प्रार्थना पत्र कोर्ट को नहीं दिया गया है वकीलों के मुताबिक 302 के मामले में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी की कोर्ट जमानत नहीं दे सकती है।
वकीलों का कहना था कि कि देवभूमि में ऐसे हादसे होना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और दोषियों को ऐसा दंड मिलना चाहिए, जो पूरे देश में एक नजीर बन सके. वहीं, बार एसोसिएशन कोटद्वार के अध्यक्ष अजय पंत ने कहा कि अगर अंकिता हत्याकांड को लेकर कोई अधिवक्ता बाहर से आरोपियों की पैरवी करने आते हैं तो बार एसोसिएशन उसका पूरा विरोध करेगी उन्होंने कहा कि अंकिता हम सबकी बेटी थी और मामला संवेदनशील होने के चलते मैं खुद अंकिता की तरफ से कोर्ट में पैरवी करूंगा।
कोटद्वार में क्यों हो रही सुनवाई: कोटद्वार पौड़ी जिले में आता है। कोटद्वार में न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत है आज कोटद्वार न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी कोर्ट में 302 में जमानत एवं पुलिस रिमांड लेने की तारीख अधिकृत की गई थी जिला विधिक शिविर से नियुक्त अभिवक्ता जितेन्द्र रावत को अंकिता भंडारी के हत्या आरोपियों पुलकित आर्य, अंकित और सौरभ की तरफ से जमानत व पुलिस रिमांड की पैरवी के लिए नियुक्त किया गया था जिसमें अभिवक्ता जितेन्द्र रावत ने न्यायिक मजिस्ट्रेट भावना पाण्डेय को प्रार्थना पत्र देकर पुलकित, अंकित और सौरभ की पैरवी करने से मना कर दिया है।
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