हल्द्वानी: 492 वर्ष बाद होली पर बन रहा है ग्रहों का दुर्लभ योग
इस वर्ष होलिका दहन 28 मार्च को तथा छरडी़ 29 मार्च को होगी:वार्ष्णेय
हल्द्वानी। मानव समाज के लिए रंगो का पर्व होली केवल रंगो से रंग जाने का ही पर्व नहीं है, अपितु यह पर्व मानव समाज में भाईचारा व मोहब्बत का रंग जीवन में भरने का पर्व भी है। इस होली पर्व को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में भी जानी जाती है।
ज्योतिषी अशोक वार्ष्णेय ने होली पर्व पर जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष होलिका दहन 28 मार्च यानि रविवार को और रंगभरी होली 29 मार्च को खेली जायेगी। होलाष्टक 22 मार्च सोमवार से प्रारंभ हो जायेंगे। इस मध्य शुभ मंगल कार्य करना वर्जित होता है। इसी संबंध में वार्ष्णेय ने बताया कि इस साल होली पर ऐसा दुर्लभ संयोग बन रहा है, जिसमें 29 मार्च को चन्द्र कन्या राशि में तथा बृहृस्पति व शनि दोनों ही अपनी-अपनी राशि में विराजमान रहेंगे। ज्योतिष विद्वानों के अनुसार ऐसा संयोग 3 मार्च 1529 में बना था। विशेष बात यह है कि इस साल सर्वार्थसि( योग व अमृतसि ( योग में होलिका दहन व रंगो का पर्व होली मनाई जायेगी, जो भविष्य के लिए मंगलकारी होगी। देश में सुख शांति का वातावरण बनेगा खुशहाली आएगी।
28 मार्च को सम्पूर्ण प्रदोषकाल भद्रा रहित रहने के कारण होलिका दहन संध्याकाल 6 बजकर 26 मिनट से रात्रि 8 बजकर 47 मिनट के मध्य प्रदोषकाल में होलिका दहन किया जाना श्रेष्ठ रहेगा।
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