पिथौरागढ़: कोरोना संक्रमण चेन तोड़ने के लिए DM ने दिए यह बड़े निर्देश
पिथौरागढ़। वर्तमान में चिकित्सालय में बैठकर ईलाज करने का समय नहीं है, अब चिकित्सक अपनी टीम के साथ गांवों में जाकर लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण करते हुए बीमार अथवा कोविड लक्षण वाले व्यक्तियों का मौके पर ही रैपिड टेस्टिंग कर कोरोना पॉजिटिव व्यक्तियों को होम आइसोलेट करते हुए उन्हें दवा उपलब्ध कराएं। तथा अन्य बीमार व्यक्तियों का भी परीक्षण कर आवश्यक दवा उपलब्ध कराएं। यह निर्देश सोमवार को जिलाधिकारी आनन्द स्वरूप ने कोविड संक्रमण के नियंत्रण हेतु जिले में तैनात सभी नोडल अधिकारियों, प्रभारी चिकित्साधिकारियों के साथ आयोजित वर्चुअल बैठक में कही।
जिलाधिकारी ने कहा कि जिले में कोरोना संक्रमण के प्रसार को पूर्ण रूप से खत्म करने हेतु अब वक्त आ गया है कि हम सभी को युद्ध स्तर पर कार्य करना होगा। सभी को अपनी-अपनी जिम्मेदारी समझकर कार्य करना होगा। प्रत्येक विकास खण्ड स्तर पर पांच-पांच टीम गठित कर चिकित्सक अब गांवों में जाकर लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण कर दवा उपलब्ध कराएं। इस हेतु पर्याप्त मात्रा में आवश्यक दवा का स्टॉक भी रखे रहें। इस कार्य की प्रत्येक उप जिलाधिकारी प्रतिनिधि समीक्षा कर रिपोर्ट प्रतिदिन जिला मुख्यालय को उपलब्ध कराएंगे। जिलाधिकारी ने कहा कि गांव में जांच के दौरान जो व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव है तथा उसकी स्थिति गंभीर बनी है, तो उसे तत्काल एम्बुलेंस से उसे जिला चिकित्सालय भेजें।
जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि कोरोना संक्रमण की भयावहता की स्थिति को देखते हुए सभी को वारमोड में कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही क्षम्य नहीं होगी,लापरवाही अथवा गलती पर तत्काल कार्यवाही की जाएगी। जिलाधिकारी ने कोविड में तैनात सभी अधिकारियों, कर्मचारियों, मेडिकल स्टाफ,सुरक्षा बल आदि से कहा कि वह स्वयं की भी सुरक्षा रखते हुए विशेष ध्यान दें। जिलाधिकारी ने सभी उपजिलाधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि वह अपने क्षेत्रान्तर्गत स्वास्थ्य परीक्षण व सैम्पलिंग हेतु तैनात पाँचों टीमों द्वारा प्रत्येक दिन किए गए कार्यों, सैम्पलिंग की सूचना के अतिरिक्त सभी चिकित्सालयों में उपलब्ध दवा, उपकरण विशेष रूप से ऑक्सीजन सिलेंडर की उपलब्धता की भी रिपोर्ट प्राप्त कर सूचना से अवगत कराएं, ताकि आवश्यकता पड़ने पर दवा आदि की तत्काल आपूर्ति की जा सके। उन्होंने कहा कि ग्रामीण स्तर पर लोगों को जागरूक करना भी आवश्यकीय है इस हेतु विभिन्न माध्यमों से ग्रामीणों को जागरूक किया जाय। गांव में दवा वितरण के कार्य की भी लगातार निगरानी रखी जाए। सभी उपजिलाधिकारी ग्राम निगरानी समिति से समन्वय स्थापित कर गांव के बारे में लगातार जानकारी रखे रहें। जिलाधिकारी ने कहा कि जिस प्रकार से भारतीय सेना बेरीनाग व धारचूला में कोविड चिकित्सालय बना रही है उसी प्रकार डीडीहाट में अलग से कोविड चिकित्सालय बनाए जाने हेतु उप जिलाधिकारी डीडीहाट वहां पर तैनात आईटीबीपी तथा एसएसबी से समन्वय कर उनके संसाधनों से कोविड चिकित्सालय स्थापित करें।बैठक में जिलाधिकारी ने नोडल अधिकारी ऑक्सीजन आपूर्ति को निर्देश दिए कि जिले में चिकित्सालयों में भर्ती मरीजों हेतु ऑक्सीजन की किसी भी प्रकार की कमी न हो इस हेतु पर्याप्त मात्रा में कम से कम 2 दिन का ऑक्सीजन सिलेंडर का स्टॉक रखा जाय। उन्होंने नोडल ट्रेसिंग को निर्देश दिए कि जो भी व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव आता है उससे तत्काल जानकारी प्राप्त कर जिन व्यक्तियों के संपर्क में वह आया है, उनकी ट्रेसिंग कर सैम्पलिंग कराई जाय तथा जब तक उनकी रिपोर्ट निगेटिव नहीं आ जाती है तब तक उन्हें होम आइसोलेशन में रखा जाय।
जिलाधिकारी ने डीपीआरओ को निर्देश दिए कि वह भी अपने स्तर से प्रत्येक गांव में बीमार व्यक्तियों के बारे में जानकारी प्राप्त कर उपलब्ध कराएं। तथा सभी गांवों में सेनेटाइजेसन का कार्य भी लगातार जारी रखा जाय। उन्होंने सभी अधिशासी अधिकारी नगर पालिका एवं पंचायत को भी निर्देश दिए कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम हेतु नगरीय क्षेत्रों में लगातार सेनेटाइजेसन का कार्य कराया जाय। उन्होंने सभी उप जिलाधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि बंदी के दौरान किसी गरीब परिवार को खाद्यान्न की किल्लत हो रही है तो राजस्व विभाग के माध्यम से उपलब्ध कराया जाय।
वर्चुअल बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अनुराधा पाल, अपर जिलाधिकारी आर डी पालीवाल,प्रशिक्षु
आईएएस दिवेश सासनी समेत वर्चुअल के माध्यम से सभी नोडल अधिकारी उपस्थित रहे।

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