देश व दुनिया के कई हिस्सों में मनाई जा रही है हंस जंयती:-सत्यबोधानंद
देश व दुनिया के कई हिस्सों में मनाई जा रही है हंस जयंती
प्रेस वार्ता में महात्मा सत्यबोधानंद ने दी जानकारी
-:जीवन गोस्वामी:-
लालकुआं(नैनीताल) मानव उत्थान सेवा समिति के कुमाऊं प्रभारी सतपाल महाराज के परम शिष्य महात्मा सत्यबोधानंद ने परम संत योगीराज श्री हंस जी महाराज जी की 121 वी जयंती पर बताया कि श्री हंस जयंती पूरे भारतवर्ष के अलावा दुनिया के अधिकांश देशों में मनाई जा रही है । महात्मा सत्यबोधानंद यहां संजयनगर बिंदुखत्ता स्थित श्री हंस प्रेम योग आश्रम में पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे ।
उन्होंने कहा कि परम संत योगीराज श्री हंस जी का पूरा जीवन मानवता को समर्पित रहा उन्होंने बताया कि हंस जी महाराज जी ने देश दुनिया के दूरस्थ एवं दुर्गम क्षेत्रों में पैदल चलकर दीन दुखियों शोषित व उपेक्षितों के बीच में जाकर काम किया और उनके अंदर आत्मबल पैदा करने के साथ ही उन्हें ज्ञान के प्रकाश से भी आलोकित किया महात्मा सत्यबोधानंद जी ने बताया कि परम संत योगीराज जी से ज्ञान प्राप्त कर आज उनके असंख्य शिष्य देश और दुनिया में मानव धर्म का दिव्य संदेश दे रहे हैं तथा धर्म एवं अध्यात्म की पताका फहराते हुए भारतीय संस्कृति के मूल मंत्र वसुधैव कुटुंबकम का संदेश दे रहे हैं महात्मा जी ने कहा कि श्री हंस जी का “वर्ष उन्नीस सौ में अवतरण हुआ और 66 वर्ष की अवस्था में उन्होंने अपने भौतिक शरीर का परित्याग कर लिया लेकिन उनका आशीर्वाद उनकी छत्रछाया सदैव उनके भक्तों पर बनी रहती है परम संत योगीराज जी का जो भी शिष्य है उस पर संकट कभी आ ही नहीं सकता उन्होंने कहा कि परम संत योगीराज जी के इस नश्वर शरीर से देह त्याग करने के बाद आज उनके उस महान विरासत को सद्गुरुदेव सतपाल महाराज निभा रहे हैं । प्रेस वार्ता में महात्मा प्रचारिका बाई महात्मा आलोकानंद एवं महात्मा हेमंती बाई भी मौजूद थे।

इस अवसर पर आश्रम में सत्संग व दीप यज्ञ का भी आयोजन किया गया।



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