हल्द्वानी:-चोरगलिया नंधौर बाढ़ सुरक्षा कार्य हेतु 20 लाख स्वीकृत
हल्द्वानी 30 जुलाई 2020। विधायक लालकुआ नवीन दुम्का के अनुरोध पर जिलाधिकारी/अध्यक्ष जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण सविन बंसल ने चोरगलिया क्षेत्र में नंधौर, कैलाश अन्य सहायक नदियों से बाढ़ बचाव कार्यो हेतु 19 लाख 96 हजार राज्य आपदा न्यूनीकरण निधि से स्वीकृत किये।
जिलाधिकारी श्री बंसल ने बताया कि चोरगलिया क्षेत्र को बाढ़ से बचाने हेतु नंधौर नदी की सहायक देवा नदी के मुहाने में जमा बोल्डर,मलवा हटाने कार्य हेतु 7.71 लाख, चोरगलिया आमखेड़ा क्षेत्र में बाढ़ से बचाने हेतु कैलाश नदी के मुहाने में जमा बोल्डर,मलुवा हटाने कार्य हेतु 5.32 लाख व चोरगालिया के अन्तर्गत दुबैल भीड़ा क्षेत्र को बाढ़ से बचाने के लिए कैलाश नदी के मुहाने में जमा बोल्डर, मलुवा हटाने हेतु 6.93 लाख अधिशासी अभियंता सिचांई खण्ड हल्द्वानी को स्वीकृत कर दी गई है। उन्होंने अधिशासी अभियंता सिचंाई को निर्देश दिये की स्वीकृत धनराशि वास्तविक आवश्यकतानुसार व्यय की जाय तथा अतिरिक्त धनराशि की प्रत्याशा में स्वीकृत धनराशि से अधिक व्यय कतई नहीं किया जाय।
उन्होंने कहा कि कार्य की गुणवत्ता एवं समयबद्धता के लिए निर्माण एजेन्सी व अधिशासी अभियंता पूर्ण उत्तरदायी होंगें , व्यय करते समय बजट मैनुअल, वित्तीय हस्तापुस्तिका, उत्तराखण्ड अधिप्राप्ति नियमावली के सुसंग प्राविधानों एवं मितव्यता के विषय में शासन द्वारा समय-समय पर निर्गत आदेशों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने कहा कि कार्य करते समय में वित्तीय नियमों एवं टैण्डर आदि विषयक नियमों का अनुपालन निश्चित रूप से सुनिश्चत किया जाये।
उन्होंने कहा कि कार्य प्रारम्भ करने एवं कार्य सम्पन्न होने से पूर्व क्षतिग्रस्त कार्ययोजनाओं की फोटो अवश्य ली जाये। कार्य पूर्ण होने पर निर्मित कार्ययोजना का नाम, लागत, मद, दिनांक सहित सीमेन्ट काॅक्रटी पट अथवा बोर्ड लगाने के भी निर्देश दिये।
जिलाधिकारी /अध्यक्ष जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण श्री बंसल ने कहा कि सूर्योदय से पूर्व व सूर्यास्त के बाद वन क्षेत्र में कोई कार्य नही किया जायेगा। तथा वन क्षेत्र में ज्वलनशील पदार्थ, वन्य जीवों को क्षत्रि पहुंचाने वाले किसी भी प्रकार का कैमिकल ले जाना प्रतिबन्धित रहेगा। वन अधिनियम प्राविधानों एवं भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम का कडाई से अनुपालन करना अनिवार्य होगा साथ ही क्षेत्र से उपखनिज अथवा पत्थर वन क्षेत्र से बाहर ले जाना पूर्णतः प्रतिबंधित होगा। उन्होने निर्देश दिये कि कार्य में लगाये श्रमिकों एवं अन्य स्टाफ व वाहनों की सूचना व आईडी प्रूफ संबंधित प्रभागीय वनाधिकारी को देने के साथ ही कार्य आरम्भ करने व कार्य समाप्त की सूचना भी तत्काल प्रभागीय वनाधिकारी को देना भी अनिवार्य होगा।
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