चमोली: आपदा राहत कार्य युद्ध स्तर पर जारी, पढ़िए ताजा हालात
जिला प्रशासन के साथ सेना, वायु सेना ,आईटीबीपी , एनडीआरएफ एसडीआरएफ की कई टीमें राहत बचाव कार्य में जुटीं हुई है
13 शव बरामद ,153 अभी भी लापता , 28 लोगों की बचाई जान
चमोली। उत्तराखंड के चमोली जिले में कल ग्लेशियर टूटने के बाद आई आपदा में राहत कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। अब तक 13 शव बरामद किए गए है जबकि 153 लोग अभी भी लापता है। इसके अलावा 28 लोगों को अभी तक बचाया जा चुका है।
सेना, वायुसेना, एनडीआरएफ, आईटीबीपी और एसडीआरएफ की टीमें स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर राहत और बचाव कार्य कर रहे हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर चुके हैं जबकि डीजीपी उत्तराखंड अशोक कुमार क्षेत्र में कैंप किए हुए हैं। मृतकों के परिजनों को राज्य सरकार की ओर से चार- चार लाख की सहायता जबकि केंद्र की ओर से 2-2 लाख की सहायता की घोषणा हो चुकी है।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि डीजीपी कल से ही इस क्षेत्र में कैम्प किये हुए हैं। कमिश्नर गढ़वाल और डीआईजी गढ़वाल को भी आज से क्षेत्र में कैम्प करने के निर्देश दिये गये है। जिला प्रशासन की पूरी टीम कल से ही क्षेत्र में राहत एवं बचाव कार्यों में लगी है। अन्य जिला से भी अधिकारी मौके पर भेजे गये हैं, ताकि जो शव वहां पर मिलेंगे उनका पंचनामा एवं पोस्टमार्टम जल्द हो सके।
जिला प्रशासन, एसडीआरएफ, पुलिस, आईटीबीपी, सेना, और एनडीआरएफ की टीमें कल से राहत एवं बचाव कार्यों में लगी है। 35 लोगों के एक सुरंग में फंसे होने की संभावना है, उन्हें सुरक्षित बाहर निकालने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। कल से ही इन लोगों को निकालने के लिए रेस्क्यू अभियान जारी है। मौके पर पर्याप्त मानव संसाधन है, एनडीआरएफ की अन्य टीमे भी तैयार हैं।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि इस घटना के कारणों का पता चल सके, इसके लिए मुख्य सचिव को निर्देश दिये गये हैं कि इसरो के वैज्ञानिकों एवं विशेषज्ञों से इस घटना के कारणों का पता किया जाये, ताकि भविष्य में कुछ एहतियात बरते जा सकें।
जोशीमठ में रेस्क्यू ऑपरेशन को मॉनिटर कर रही डीआईजी गढ़वाल रेंज नीरू गर्ग ने बताया कि चमोली जिले में कल तक 10 रुद्रप्रयाग में 3 अब तक शव कुल 13 शव बरामद किए जा चुके है।
डीआईजी गढ़वाल ने बताया कि आर्मी आईटीबीपी के साथ ही राज्य पुलिस के जवान हर सम्भव प्रयास कर रहे है। डीआईजी गढ़वाल ने बताया कि परियोजना की टनल सँख्या दो को खुलवाने के सभी प्रयास जारी है।
परियोजना स्थित टनल दो में कुछ अधिक लोग फंसे हो सकते है अभी सँख्या स्पष्ट रूप से नही बताई जा सकती है। फोर्स का मनोबल बढ़ाने के लिए हर अधिकारी फोर्स के साथ रेस्कयू अभियान में खड़ा है। रेंज स्तर पर जिलो के कप्तानों को ब्रीफ करने के साथ ही पर्याप्त चौकसी बरतने को कहा गया है कही से कोई अफवाह न फैले स्थिति नियंत्रण में है राज्य में कोई आवागमन बाधित नही हुआ है ।
इधर गढवाल सांसद तीरथ सिंह रावत, जनपद प्रभारी मंत्री डा धन सिह रावत, विधायक महेंद्र प्रसाद भट्ट, विधायक सुरेंद्र सिंह नेगी ने भी तपोवन एवं रैणी मे आपदा प्रभावित क्षेत्र का जायजा लिया। इस दौरान गढवाल सांसद एवं प्रभारी मंत्री प्रभावित परिवारों के परिजनों से मिले और उनको ढाढस बधाते हुए हर संभव मदद पहुंचाने का भरोसा दिलाया। प्रभारी मंत्री ने कहा कि यहा पर जिला प्रशासन, पुलिस, आईटीबीपी, आर्मी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, बीआरओ सभी मिलकर युद्ध स्तर पर रातदिन रेस्कयू मे जुटें है और जिन्दगियो को बचाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे है।
ग्लेशियर एवलांच से हुई क्षति से उबारने में आईटीबीपी शानदार भूमिका निभा रही हैं।
अब तक बचाव कार्य युद्ध स्तर पर जारी है।
आईटीबीपी के अनुसार अब तक 70 से 80 मीटर तक बड़ी सुरंग साफ की जा चुकी है, ये सेफ्टी टनल मलबे से अवरुद्ध हो गई है, जिसे जेसीबी की मदद से साफ किया जा रहा है,यह लगभग 180 मीटर लंबा है और लगभग 30-40 कर्मचारी कल से टनल में फंसे हुए हैं। उन्हें निकालने का काम जारी है।
विकट परिस्थितियों में भी एनडीआरएफ एसडीआरएफ, एसएसबी,आईएएफ लगातार बचाव कार्य में लगी हुई है।
अब तक 13 शवों के बरामद होने और 28 लोगों को बचाने की सूचना है जबकि अभी बडी संख्या में लोग लापता हैं, तपोवन टनल में अभी भी तीस से चालीस लोगों के फंसे होने की संभावना जताई जा रही है।
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