गर्मी के धान के स्थान पर मक्का की खेती करें किसान, कैसे लाभदायक है मक्का की खेती बता रहे हैं कृषि वैज्ञानिक डा. अमित भटनागर
गर्मी के धान के स्थान पर मक्का की खेती करें किसान-डा. भटनागर
पंतनगर। गर्मी में बोये जाने वाले धान के स्थान पर मक्का की खेती करना किसानों के लिए अधिक उपयुक्त है। यह कहना है कृषि महाविद्यालय के सस्य विज्ञान विभाग के मक्का वैज्ञानिक डा. अमित भटनागर का।
मक्का की खेती दाने, भुटटे और हरे चारे के लिए की जाती है। डा. भटनागर ने बताया कि किसान मक्के की फसल से इस मौसम में भी अधिक दाने की पैदावार प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए किसानों को फरवरी तक मक्का की बुवाई अवश्य कर लेनी चाहिए। बुवाई के लिए 09 से 10 किलो बीज प्रति एकड़ की दर से प्रयोग करना चाहिए।
उन्होंने बताया कि मक्के की बुवाई के लिए दोमट मिट्टी उपयुक्त होती है और इसकी खेती के लिए ऐसे स्थान का चयन करना चाहिए जहां जल भराव की समस्या ना हो।
डा. भटनागर ने मक्का की किस्मों के बारे में बताते हुए कहा कि किसान किसी भी विश्वनीय संस्था से 90 से 100 दिन की अवधि वाली किस्मों का चयन कर सकते हैं।
डा. भटनागर ने कहा कि बुवाई से पूर्व बीजों का शोधन अवष्य करना चाहिए, ताकि भविष्य में पौधों में लगने वाली कीट, ज्वार की प्ररोह मक्खी, से बचाव किया जा सके।
इसके लिए इमेडाक्लोरोप्रिड की 1 मिली मात्रा प्रति कि.ग्रा बीज की दर से शोधन करना चाहिए। बुवाई के समय पंक्ति से पंक्ति की दूरी 60 सेमी तथा पौधों से पौधों की दूरी 20 से 25 से.मी. रखनी चाहिए। उन्होंने बताया कि अच्छी उपज के लिए 120 कि.ग्रा नाइट्रोजन, 60 कि.ग्रा फास्फोरस और 40 कि.ग्रा पोटाश का उपयोग प्रति हैक्टर की दर से करना चाहिए। इसमें से 25 से 30 कि.ग्रा नाइट्रोजन तथा फारफोरस एवं पोटाष की पूरी मात्रा बुवाई के समय प्रयोग करनी चाहिए। नाइट्रोजन की शेष मात्रा को तीन बराबर भागों में बांटकर पहली मात्रा 4 से 6 पत्ती की अवस्था पर दूसरी मात्रा पौधों की घुटने की ऊंचाई की अवस्था पर तथा तीसरी मात्रा नरमंजरी फूल आने पर करनी चाहिए।
डा. भटनागर ने बताया कि फाल आर्मी वर्म कीट का लारवा शुरूआत में पत्तियों को खुरच कर नुकसान पहुंचाता है। इसके नियंत्रण के लिए उन्होंने क्लोरएन्ट्रानीलीप्रोल या स्पाइनोटोरम की 100 मि.ली मात्रा का 200 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति एकड़ की दर से प्रयोग करने की सलाह दी।
उन्होंने यह भी बताया कि किसान यदि वैज्ञानिक विधि से मक्के की खेती करते हैं तो 35 से 38 हजार रूपये प्रति एकड़ शुद्ध लाभ प्राप्त कर सकते है।



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