उत्तराखंड: राज्य में ब्लैक फंगस से पहली मौत, अब तक इतने मामले आए सामने
ऋषिकेश। करोना के साथ-साथ उत्तराखंड पर ब्लैक फंगस का खतरा बढ़ता जा रहा है हालात यह हैं कि उत्तराखंड में ब्लैक फंगस के मामले निरंतर सामने आ रहे हैं ऐसे में एक बुरी खबर है जी हां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में ब्लैक फंगस से पहली मौत हुई है। वहीं एम्स में भर्ती उत्तराखंड के 12 और यूपी के पांच कोविड मरीजों में ब्लैक फंगस का संक्रमण मिला है। सबसे अधिक पांच संक्रमित हरिद्वार जिले के रहने वाले हैं।
एम्स के विशेषज्ञों की टीम ने इनमें से 10 संक्रमितों की आंखों की सर्जरी भी कर दी है। एम्स में ब्लैक फंगस से मृतक युवक कोविड संक्रमण से पीड़ित था। कुछ दिनों पहले देहरादून से रेफर होने बाद उसे एम्स में भर्ती कराया गया था। जांच के दौरान युवक में ब्लैक फंगस के संक्रमण की पुष्टि हुई थी। देहरादून निवासी 36 वर्षीय युवक की ब्लैक फंगस से शुक्रवार रात को ही मौत हो गई थी, लेकिन इसकी जानकारी रविवार को सामने आई। इस दौरान ब्लैक फंगस के संदिग्ध लक्षणों के चलते कई अन्य मरीजों की जांच भी की गई। जिसके बाद 16 और मरीज ब्लैक फंगस से संक्रमित पाए गए। इनमें 12 मरीज उत्तराखंड के हैं, जिनमें हरिद्वार के चार, देहरादून के चार, काशीपुर का एक, उधमसिंह नगर का एक और अल्मोड़ा का एक मरीज शामिल है।
एम्स में भर्ती 16 ब्लैक फंगस के मरीजों में 14 कोविड एक्टिव केस
एम्स ऋषिकेश के निदेशक पदमश्री प्रो. रविकांत जी ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में एम्स में 17 मरीजों में ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई है। इनमें सात मरीज ऐसे हैं, जो पहले से ब्लैक फंगस से ग्रसित होने के बाद उपचार के लिए आए थे। दस मरीजों को कोरोना संक्रमण के कारण यहां भर्ती किया गया था, जिनका शुगर लेवल काफी बढ़ा हुआ था। इनमें ब्लैक फंगस के लक्षण नजर आए तो जांच कराई गई। उन्होंने बताया कि शुक्रवार रात ब्लैक फंगस से एक मरीज की मौत भी हो गई, जबकि 16 मरीजों का उपचार चल रहा है। इनमें दस मरीजों की सर्जरी की जा चुकी है और छह की सर्जरी की जानी है। उन्होंने बताया 16 मरीजों में 14 कोविड एक्टिव केस है।
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