यूपी: माफियाओं को मिट्टी में मिला दूंगा , प्रयागराज हत्याकांड पर सीएम योगी की दो टूक , Video
लखनऊ। प्रयागराज में राजू पाल हत्याकांड पर दुख व्यक्त करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उनकी सरकार माफिया तत्वों को मिट्टी में मिला देगी। विधानसभा के बजट सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा से पहले सीएम योगी ने सदन को भरोसा दिलाया कि प्रदेश में किसी भी माफिया को पनपने नहीं दिया जाएगा और उनकी सरकार माफिया को मिट्टी में मिला देगी। अपराध और अपराधियों के प्रति सरकार जीरो टॉलरेंस नीति पर काम कर रही है। प्रयागराज की घटना अफसोसजनक है मगर जिन लोगों ने इसे अंजाम दिया है, उसका परिणाम उन्हें जल्द मिल जाएगा। इसमें किसी को तनिक भी संदेह नहीं करना चाहिए।
प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा “आखिर ये अपराधी पाले किसके द्वारा गए हैं। जिस माफिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है, क्या ये सच नहीं है कि सपा ने उसे सांसद बनाया था। आप सारे अपराधियों को पालेंगे, उनका माल्यार्पण करेंगे, उसके बाद तमाशा बनाते हैं आप लोग। उन्हें गले का हार बनाएंगे फिर दोषारोपण करेंगे।”
माफिया अतीक अहमद का नाम लिए बगैर सीएम योगी ने कहा कि वह सपा के द्वारा पोषित माफिया है और उसकी कमर तोड़ने का काम हमारी सरकार ने किया है। इस माफिया को मिट्टी में मिला देंगे। जितने माफिया हैं उन्हें मिट्टी मिलाने का काम करेंगे। नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव को आड़े हाथ लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा “आपको बहाना चाहिए था। ये पेशेवर माफिया और अपराधियों के सरपरस्त हैं और ये लगातार यही करते रहे हैं। इनके रग-रग में अपराध भरा रहा है। अपराध के अलावा कुछ सीखा नहीं है। पूरा प्रदेश इस बात को जानता है। आज सफाई देने आए हैं। ”
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस माफिया ने गुरुवार को ये कृत्य किया है वह माफिया इस वक्त यूपी से बाहर है। वह सपा के सहयोग से ही बार-बार एमपी और एमएलए बना है। 1996 में इलाहाबाद वेस्ट से वह माफिया सपा के सहयोग से एमएलए बना था। 2004 में वह इन्हीं लोगों के सहयोग से एमपी बना था। 2009 में उसे सांसद बनाने का भी काम इन्हीं लोगों ने किया था। ये लोग चोरी और सीनाजोरी का काम कर रहे हैं। माफियाओं को मिट्टी में मिलाने का काम हमारी सरकार पूरी ताकत से करेगी। चोरी और सीनाजोरी नहीं चल सकता।
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विधायक राजू पाल हत्याकांड का एकमात्र गवाह था उमेश पाल , सरेआम बम और गोलियों से भूना
प्रयागराज में शुक्रवार की शाम उमेश पाल की सरेआम हत्या ने पूरे इलाके को दहला दिया। इस हत्याकांड का सीधा आरोप जेल में बंद बाहुबली पूर्व सांसद अतीक अहमद पर
लगा है। हत्याकांड के बाद अतीक के दो बेटों को पुलिस ने उठा भी लिया है।
आखिर कौन है उमेश पाल?
दरअसल, इस हत्याकांड की जड़ को समझने के लिए 19 साल पहले 2004 में शुरू हुई उस कहानी को समझना जरूरी है। तब राजू पाल ने पूर्व सांसद अतीक अहमद की सत्ता को शहर पश्चिमी में राजू पाल ने चुनौती दी थी। अतीक अहमद के सांसद चुने जाने के बाद खाली हुई शहर पश्चिमी विधानसभा सीट पर नवंबर 2004 में हुए उपचुनाव में राजू पाल ने अतीक के भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ को हराकर विधायकी तो जीत ली लेकिन ऐसी अदावत छिड़ी कि राजू पाल को जान गंवाकर उसकी कीमत चुकानी पड़ी। 25 जनवरी 2005 को धूमनगंज में चारों तरफ से घेरकर राजू पाल को गोलियों से छलनी कर दिया गया था। इस हमले में संदीप यादव और देवीलाल भी मारे गए। पुलिस, सीबीसीआईडी और फिर आखिर में सीबीआई ने जांच की। सीबीआई ने पूर्व सांसद अतीक, उनके भाई अशरफ समेत दस के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है। अतीक अहमदाबाद जेल तो अशरफ बरेली जेल में बंद हैं। दोनों पर धूमनगंज में दोहरे हत्याकांड समेत कई संगीन मामले हैं
मरते दम तक निभाई दोस्ती
पूर्व विधायक राजूपाल की हत्या के बाद उमेश एकमात्र ऐसा गवाह था जो अकेले ही अतीक के खिलाफ मोर्चा संभाले था। राजूपाल हत्याकांड से जुड़े गवाह बैकफुट पर आ गए थे। उनकी पत्नी पूजा पाल ने भी सत्ता बदल दी लेकिन उमेश नहीं डरा। 2005 से लेकर 2023 तक उमेश अकेले ही अतीक अहमद से मोर्चा ले रहा था। उमेश ने मरते दम तक राजू पाल से दोस्ती निभाई। 18 साल बाद 24 फरवरी 2023 को राजूपाल की तरह उमेश पाल को सरेआम गोलियों से भून दिया गया। यह वारदात तब हुई जब उसके अपहरण केस में अतीक के खिलाफ तेजी से बहस चल रही थी। छह हफ्तों में फैसला आने वाला था।
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