उत्तराखंड- हरदा का ट्वीट , पढ़िए देहरादून से दिल्ली तक कांग्रेस में सियासी भूचाल
देहरादून। उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत राजनीति के धुरंधर खिलाड़ी माने जाते है हरीश रावत के यह बगावती तेवर अचानक नहीं हुए हैं, हरीश रावत लंबे समय से कई पहलुओं पर नजर बनाए हुए थे।
वहीं एक धड़े को लग रहा है कि आने वाले चुनाव में कहीं हरीश रावत दोबारा मुख्यमंत्री न बन जाए, इसलिए समय-समय पर मुखालफत और साइडलाइन करने के बयान कोई नए नहीं हैं. वहीं राहुल गांधी के देहरादून रैली के दौरान मंच के संचालन को लेकर भी नाराजगी की एक वजह बताई जा रहा है. वहीं बीते दिनों कांग्रेस नेता राहुल गांधी की देहरादून रैली में हरीश रावत के समर्थन में नारे लगने तो पार्टी के सहप्रभारी को खुद मंच से किसी भी पार्टी नेता की व्यक्तिगत नारेबाजी न करने की बात कहनी पड़ी।
दरअसल, मंच पर हरीश रावत के करीबी राजीव जैन जनसभा का संचालन करते हुए दिखाई दे रहे थे. इस दौरान उन्होंने मंच से हरीश रावत की बड़े ही जोश के साथ नारेबाजी की. हालांकि इसके बाद उन्होंने बाकी नेताओं के नाम भी लिए, लेकिन इसके बाद फौरन पार्टी के सह प्रभारी ने मंच संभाला और किसी को भी किसी नेता के व्यक्तिगत नारेबाजी करने से बचने की बात कही. बड़ी बात ये है कि इसके बाद हरीश रावत के करीबी राजीव जैन मंच के संचालन से दूर हो गए और सह प्रभारी राजेश धर्माणी ने मंच संभाल लिया.वहीं मंच पर पार्टी की एकजुटता दिखाने के लिए करीब 60 कुर्सियां लगाई गई थी, ताकि पार्टी के सभी नेताओं को मंच पर जगह मिल सके और एकजुटता का संदेश दिया जा सके. उधर हरीश रावत और प्रीतम सिंह मंच पर एक साथ दिखाई दिए थे।
रैली के दौरान राजीव जैन मंच से किनारे हो गए हरीश रावत और उनके खेमे को यह बात बुरी लगी. हालांकि बताया जाता है कि यह पहली बार नहीं हुआ, इससे पहले भी कई चुनावी सभाओं और चुनावी कार्यक्रमों में इस तरह की घटनाएं सामने आ चुकी हैं.
बीते दिनों पिथौरागढ़ की जनसभा में जिस तरह से कांग्रेस के प्रति अपार जनसमूह उमड़ा, उसके बाद हरीश रावत कुमाऊं में अपनी दमखम दिखाने के लिए तैयार थे. उत्तराखंड कांग्रेस के प्रभारी देवेंद्र यादव ने उस जनसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह को भी मंच पर बैठाने और स्वागत करवाने की भरपूर कोशिश की. वहीं यह दिखाने की कोशिश की प्रीतम सिंह ही बड़े नेता हैं. हरीश रावत को यह मालूम नहीं था कि प्रीतम सिंह को भी मंच पर जगह दी जा रही है. लेकिन अचानक से कुछ नेताओं की कुर्सी लगने के बाद यह मामला साफ हो गया कि दिल्ली से ही देवेंद्र यादव को कुछ अतिरिक्त करने की सलाह दी जा रही है. बाकी रही सही कसर अविनाश पांडे के उत्तराखंड में एंट्री ने कर दी है.
अविनाश पांडे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं और लोकसभा चुनावों में भी कांग्रेस पार्टी ने उन्हें उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटों पर प्रत्याशी चुनने के लिए पर्यवेक्षक के तौर पर भेजा था. इस बार भी हरीश रावत को बिना बताए ऐसी जानकारी है कि अविनाश पांडे को देहरादून भेज दिया गया. अविनाश पांडे देहरादून हरिद्वार उधमसिंह नगर और तमाम जगहों पर प्रत्याशियों के बायोडाटा इकट्ठा कर रहे हैं और उसके आधार पर ही नेताओं के टिकट फाइनल होंगे. हरीश रावत को यह लगता है कि पार्टी आलाकमान देवेंद्र यादव को ज्यादा तवज्जो दे रहा है. इसी वजह से हरीश रावत का यह गुस्सा फूटा. अविनाश पांडे राजस्थान में भी टिकटों के बंटवारे में अहम भूमिका निभा चुके हैं.
इन सभी हालातों को देखते हुए हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर जो पोस्ट किया, वह बेहद तेजी से वायरल हुआ. लेकिन जानकार यह भी मानते हैं कि हरीश रावत कांग्रेस में फिलहाल दबाव बनाने के लिए यह सब कर रहे हैं. जबकि कांग्रेस ना तो उन्हें छोड़ेगी और ना ही वह कांग्रेस को, लेकिन वो अपने इस व्यथा से अपनों को ही साधने में जुटे हुए हैं. देखना होगा कि वो इसमें कितना कामयाब होते हैं।
- हरीश रावत के समर्थन में उतरे कांग्रेस कार्यकर्ता , सोशल मीडिया पर शुरु किया अभियान जहां हरदा वहां हम
देहरादून। पूर्व सीएम हरीश रावत के ट्वीट से कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति भी गरमा चुकी है। इस बीच पार्टी कार्यकर्ताओ ने एक अभियान चला कर यह संदेश दे दिया है कि हरदा जहां होगे वे भी वही होंगे ,सियासी हलको मे हरदा की यूकेडी अध्यक्ष काशी सिह ऐरी से की गई मुलाकात को गेम चेन्जर बताया जा रहा है । इस बीच राज्यसभा सदस्य प्रदीप टम्टा जागेश्वर विधायक व पूर्व विस अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल और धारचूला विधायक हरीश धामी खुलकर पूर्व सीएम के पक्ष में उतर चुके हैं। इन सबका कहना है कि पार्टी हरीश रावत को सीएम उम्मीदवार घोषित करें । कुंजवाल ने तो स्पष्ट कह दिया कि जहां हरीश रावत जाएंगे वहां हम सब जाएंगे। वहीं, विधायक धामी ने कहा है कि अगर हरदा को सीएम नहीं बनाया तो अलग लाइन में खड़े होने वालों में वह सबसे आगे होंगे।

हरदा गुट से जुड़े नेता पार्टी के विरोधी खेमे पर अब खुलकर निशाना साध रहे हैं। इस बीच हरीश रावत की उक्रांद अध्यक्ष काशी सिहं ऐरी से मुलाकात की खबरे है । यदि काग्रेंस का विवाद नही सुलझा तो हरीश रावत यूकेडी से बात कर सकते है ।

- पूर्व कैबिनेट मंत्री हरीश चंद्र दुर्गापाल ने पार्टी हाईकमान से की हरीश रावत को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाने की मांग ,कहा हरीश रावत उत्तराखंड के सर्वमान्य नेता , सांगठनिक अनुभवी एवं प्रशासनिक क्षमतावान

उत्तराखंड के पूर्व कैबिनेट मंत्री हरीश चंद्र दुर्गापाल ने पार्टी हाईकमान से पूर्व सीएम हरीश रावत को आगामी विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने की मांग की है।
श्री दुर्गापाल ने कहा कि संसदीय अनुभव ,सांगठनिक अनुभव एवं पूर्व में मुख्यमंत्री के रूप में प्रशासनिक क्षमता एवं अनुभव को ध्यान में रखते हुए हरीश रावत को 2022 के विधानसभा चुनाव में चेहरा घोषित करने पर हाईकमान ने गंभीरतापूर्वक विचार कर उन्हें मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करना चाहिए। उन्होंने कहा हरीश रावत उत्तराखंड के सर्वमान्य नेता है और वर्तमान में लोकप्रियता में भी हरीश रावत सर्वोच्च स्थान पर हैं। उत्तराखंड के आम जनमानस की पहली पसंद हरीश रावत हैं, उनकी सर्वोच्च लोकप्रियता का लाभ आने वाले विधानसभा चुनाव में उन्हें मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करके मिलेगा। क्योंकि उनके मुख्यमंत्रित्व कार्यकाल में समाज के हर वर्ग के लिए जन कल्याणकारी योजनाएं चलवाई की गई थी जिससे आम जनता लाभान्वित भी हो रही थी लेकिन वर्तमान सरकार ने इन सभी कल्याणकारी योजनाओं को या तो बंद कर दिया है या उनका नाम बदल दिया है।
- कांग्रेस हाईकमान ने हरीश रावत व प्रीतम सिंह व गणेश गोदियाल को किया दिल्ली तलब
देहरादून। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के तल्ख तेवरों के बाद कांग्रेस हाईकमान ने उत्तराखंड के सभी वरिष्ठ नेताओं को दिल्ली तलब किया है। कांग्रेस प्रदेश चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत, प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह आज शाम तक दिल्ली पहुंचेंगे। इस बैठक में पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य को भी बुलाया गया।

गोदियाल के मुतबिक कल शुक्रवार को इस मसले पर हाईकमान के साथ बैठक होगी। राहुल गांधी के साथ भी बैठक हो सकती है।
- हरीश रावत ने कांग्रेस पर क्या आरोप लगाएं हैं
हरीश रावत ने बुधवार को एक के बाद एक कई ट्वीट किए. उन्होंने लिखा, “है न अजीब सी बात, चुनाव रूपी समुद्र को तैरना है, सहयोग के लिए संगठन का ढांचा अधिकांश स्थानों पर सहयोग का हाथ आगे बढ़ाने के बजाय या तो मुंह फेर करके खड़ा हो जा रहा है या नकारात्मक भूमिका निभा रहा है. जिस समुद्र में तैरना है.”
अपने अगले ट्वीट में उन्होंने लिखा, “सत्ता ने वहां कई मगरमच्छ छोड़ रखे हैं. जिनके आदेश पर तैरना है, उनके नुमाइंदे मेरे हाथ-पांव बांध रहे हैं. मन में बहुत बार विचार आ रहा है कि हरीश रावत अब बहुत हो गया, बहुत तैर लिये, अब विश्राम का समय है!” एक अन्य ट्वीट में रावत ने लिखा, “फिर चुपके से मन के एक कोने से आवाज उठ रही है “न दैन्यं न पलायनम्” बड़ी उपापोह की स्थिति में हूं, नया वर्ष शायद रास्ता दिखा दे. मुझे विश्वास है कि भगवान केदारनाथ जी इस स्थिति में मेरा मार्गदर्शन करेंगे.”
रावत के इस रुख को लेकर कांग्रेस की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई. उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रावत उत्तराखंड में कांग्रेस के सबसे चेहरे माने जाते हैं और मौजूदा समय में वह राज्य में पार्टी की चुनाव अभियान समिति के प्रमुख हैं।
- हरदा चाहते हैं कि सीएम पद का चेहरा घोषित करे पार्टी
हरीश रावत चाहते हैं कि उत्तराखंड चुनाव के लिए पार्टी सीएम पद का चेहरा घोषित करे। रावत को लगता है कि इससे पार्टी को फायदा होगा। सूत्रों के अनुसार हरीश रावत चाहते हैं कि आगामी चुनाव में ज्यादा से ज्यादा उनके करीबियों को टिकट दिया जाए। रावत को लगता है कि प्रदेश की राजनीति में उन्हें दरकिनार करने की कोशिश की जा रही है।

- हाईकमान पर टिकी कांग्रेसियों की नजर ,कल शुक्रवार को हो सकता है फैसला
उत्तराखंड कांग्रेस के नेताओं की नजर कल हाईकमान के साथ होने वाली बैठक पर टिकी हुई है। गौरतलब है कि हरीश रावत ही नहीं पार्टी संगठन के अध्यक्ष गणेश गोदियाल भी प्रदेश प्रभारी के इस रवैया से खासे नाराज हैं क्योंकि हरीश रावत ने गणेश गोदियाल को प्रदेश अध्यक्ष तो बनाया लेकिन प्रभारी ने उन्हें रबड़ स्टंप बना कर छोड़ दिया ऐसे में माना जा रहा है कि प्रदेश प्रभारी को हटाने को लेकर फैसला हो सकता है और अगर पार्टी आलाकमान उन्हें नहीं भी हटा दी है तो उन्हें एक सीमित दायरे में काम करने के निर्देश दिए जा सकते हैं। हालांकि देखने वाली बात होगी कि कांग्रेस आलाकमान इस मामले में क्या फैसला लेता है।

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