धर्म प्रवाह: गुप्त नवरात्रि में साधना पूर्ण होने पर मां बगलामुखी महायज्ञ , सत्य साधक ने की सर्वमंगल कामना

पावन राप्ती नदी के तट पर हुआ मां बगलामुखी महायज्ञ
दस महाविद्याओं में आठवीं महाविद्या है मां बगलामुखी
लखनऊ। Maa Baglamukhi mahayagya: जय मां पीतांबरी साधना एवं दिव्य योग ट्रस्ट के संस्थापक सत्य साधक श्री विजेंद्र पांडे गुरुजी की गुप्त नवरात्रि पर साधना पूर्ण होने के उपलक्ष्य में पावन राप्ती नदी के तट पर मां बगलामुखी महायज्ञ का आयोजन किया गया। अष्टमी तिथि की रात्रि को 6 घंटे तक चल हवन यज्ञ में तमाम श्रद्धालुओं ने आहुति देकर देश प्रदेश में सुख समृद्धि की कामना की।
इस दौरान सत्य साधक गुरुजी ने मां की महिमा का बखान करते हुए बताया कि दस महाविद्याओं में से आठवीं महाविद्या मां बगलामुखी है।
बगलामुखी को “स्तम्भन शक्ति” की देवी कहा जाता है, अर्थात् उनकी शक्ति विरोधी शक्तियों, बाधाओं, और शत्रुओं को रोकने की क्षमता रखती है। राहु की वजह से उत्पन्न अवरोध, भ्रम, और शत्रुओं के षड्यंत्र को दूर करने के लिए माँ बगलामुखी का आशीर्वाद अत्यंत प्रभावी माना गया है। उनके उपासक अपने विरोधियों के नकारात्मक प्रभाव से बच सकते हैं और मानसिक स्थिरता प्राप्त कर सकते हैं। राहु का प्रभाव अक्सर व्यक्ति के बोलने के तरीके, धारणा और आत्म-प्रस्तुति में कमी लाता है। जबकि माँ बगलामुखी की कृपा से व्यक्ति को अपने शब्दों पर नियंत्रण मिलता है, जिससे वे विवादों से बच सकते हैं और किसी भी बहस या कानूनी समस्या में विजय प्राप्त कर सकते हैं। इसी कारण, राहु के नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए माँ बगलामुखी की पूजा करना एक महत्वपूर्ण उपाय माना गया है।
सत्य साधक गुरुजी ने कहा इसके अलावा मां बगलामुखी अपने भक्तों को कई तरह की आपदा- विपदा रोग ,भय , शत्रु और दृश्य अदृश्य नकारात्मक शक्तियों से हर पल बचाती है।
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