देहरादून: राज्य में कोरोना से राहत के बीच ब्लैक फंगस ने बढ़ाई चिंता, पढ़िए ताजा आंकड़े
देहरादून। उत्तराखंड में कोरोना का कहर जहां धीरे धीरे कम हो रहा है वही ब्लैक फंगस के मामलों में निरंतर बढ़ोतरी हो रही है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार उत्तराखंड में ब्लैक फंगस के अब तक करीब 237 मामले सामने आ चुके हैं जबकि 20 मरीजों की मौत हो चुकी है।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में आज यानी मंगलवार शाम 6 बजे तक ब्लैक फंगस के पांच और केस सामने आए हैं। इस तरह एम्स में अब तक कुल 147 केस आ चुके हैं।
अस्पताल से अभी तक 9 मरीजों को उपचार के बाद डिस्चार्ज किया जा चुका है। आज एम्स में ब्लैक फंगस से गंभीर रूप से ग्रसित मेरठ निवासी एक 60 वर्षीया महिला, माजरा देहरादून निवासी 37 वर्षीय पुरुष, बिजनौर निवासी 64 वर्षीया महिला व चायसर, उत्तराखंड निवासी 45 वर्षीय पुरुष की उपचार के दौरान मृत्यु हो गई। अब एम्स अस्पताल में म्यूकोर माइकोसिस के शेष 125 मरीज भर्ती हैं।
इधर दून मेडिकल कॉलेज में 12 मैक्स हॉस्पिटल में 07 , महंत इंद्रेश हॉस्पिटल में 24 ,जौलीग्रांट में 26 , आरोग्यधाम हॉस्पिटल में दो , कृष्णा अस्पताल हल्द्वानी में तीन ,सुशीला तिवारी अस्पताल में 15 , सिटी अस्पताल में , तिवारी नर्सिंग होम में एक ,जिला अस्पताल उधम सिंह नगर में एक , ओएनजीसी हॉस्पिटल में एक , सिनर्जी हॉस्पिटल में एक मामला सामने आया है।
जबकि अब तक एम्स ऋषिकेश में 10 , जॉली ग्रांट में तीन ,सुशीला तिवारी में एक , महंत इंद्रेश अस्पताल में 03 ,जिला अस्पताल उधम सिंह नगर में एक , सुशीला तिवारी में एक सिनर्जी हॉस्पिटल में एक मरीज की मौत हो चुकी है। इसके अलावा जौलीग्रांट से 06 तथा ऋषिकेश एम्स से 4 मरीज तथा मैक्स अस्पताल से 3 मरीज उपचार के बाद स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हो चुके हैं।

म्यूकोर माईकोसिस के प्रमुख लक्षण
बुखार, सिरदर्द, नाक बंद होना, नाक से गंदा पानी बहना, आंख में सूजन होना, आंखों में दर्द होना, आंख का मूवमेंट कम होना, आंख से कम दिखाई देना और रोगी की देखने की क्षमता का क्षीण होना इसके प्रमुख लक्षण हैं। यह बीमारी उन लोगों में अधिक देखी जा रही है जिन्हें डायबिटीज की समस्या है।
क्या है डॉक्टर की सलाह
चिकित्सकों की सलाह है कि स्टेराॅयड के सेवन से इलाज करने वाले कोविड संक्रमित रोगी अपने शुगर की नियमित जांच करवाएं और शुगर लेवल पर नियंत्रण रखें। लक्षण नजर आने पर बिना देरी किए चिकित्सक से परामर्श लें। बिना चिकित्सीय सलाह के स्टेराॅयड का सेवन कदापि नहीं करें। डाॅ. त्यागी ने बताया कि कोविड पेशेंट को अधिकतम 10 दिनों से ज्यादा स्टेराॅयड का सेवन नहीं करना चाहिए। दवा की ज्यादा डोज बेहद नुकसान दायक है। इसके अलावा कोविड संक्रमित होने पर रोगी को पहलेे 6 हफ्तों के दौरान अपने शुगर लेवल पर विशेष ध्यान देने की जरुरत है। उन्होंने बताया कि एम्स में भर्ती म्यूकर माइकोसिस के अधिकांश रोगी शुगर की बीमारी से ग्रसित हैं।



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