संस्कृत भाषा अनुस्थापन कार्यशाला संपन्न, रोजगार के अवसर विदेश में भी मिलेंगे-पढ़ें पूरी खबर
संस्कृत भाषा अनुस्थापन कार्यशाला संपन्न ,
भविष्य में संस्कृत में रोजगार के अवसर विदेश में भी मिलेंगे।
रुद्रपुर। डायट में चल रहे चार दिवसीय संस्कृत भाषा अनुस्थापन कार्यक्रम में प्रो पदमाकर मिश्र ने कहा कि संस्कृत विषय के माध्यम से शिक्षा, स्वास्थ्य व तकनीकी क्षेत्र के साथ ही विदेशों में भी रोजगार के अवसर हैं।
यहां जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान में संस्कृत भाषा के उन्नयन के लिए चल रहे चार दिवसीय कार्यशाला के अंतिम दिवस पर सहायक निदेशक संस्कृत शिक्षा कुमाऊँ मंडल प्रो पदमाकर मिश्र ने संस्कृत मे रोजगार विषय पर चर्चा करते हुए कहा कि विदेशों में संस्कृत विषय की मांग को देखते हुए अध्यापन के लिए संस्कृत विषय के विद्यार्थियों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। विदेशों में सनातन धर्म के लिए पुरोहितों की आवश्यकता के लिए संस्कृत विद्यार्थियों की आवश्यकता है। सेना सहित सभी विभागों का स्लोगन संस्कृत से लिये गए हैं। वर्तमान में संस्कृत ज्ञान से सिविल व प्रशासनिक, शिक्षा, चिकित्सा सहित अन्य क्षेत्र में रोजगार के अवसर व्याप्त है। भविष्य में उत्तराखंड सरकार संस्कृत समाचार चैनल की शुरुआत करने जा रही है।
अतः आवश्यकता है कि प्राथमिक स्तर से ही संस्कृत ज्ञान पर जोर दिया जाय। तकनीकी क्षेत्र में संस्कृत विषय को पढ़ाया जा रहा है। नासा ने भी कहा कि कंप्यूटर का सॉफ्टवेर संस्कृत में होगा। ब्रांड के रूप में भी संस्कृत भाषा का प्रयोग करने से बाजार बनाया जा सकता है। संस्कृत भाषा के प्रशिक्षण हेतु इस तरह के कार्यशाला को चलाना आवश्यक है।
डॉ आरती जैन ने अपने सम्बोधन में कहा कि संस्कृत भाषा के जितने भी प्रशिक्षण होते हैं। हर प्रशिक्षण एक नई ऊर्जा, नई चेतना व कुछ करने के लिए प्रेरित करती है। उन्होंने सभी प्रतिभागियों की सराहना की व उनका उत्साहवर्द्धन किया। कार्यशाला के अंतिम दिन प्राथमिक स्तर की पाठ्यपुस्तक के सम्बोधन से सभी प्रतिभागियों द्वारा समूह वार उनका बहुत सुंदर व रोचक नाट्य अभिनय किया गया। कार्यशाला का संचालन एससीआरटी से आये प्रवक्ता शशि शेखर मिश्र ने किया तथा सन्दर्भदाता डॉ हेमन्त जोशी व निर्मल जोशी ने कारक विषय पर प्रशिक्षण दिया।
अंत मे प्राचार्य डीएस रावत ने कार्यशाला की प्रशंसा करते हुए संस्कृत विषय पर अपने विचार रखे और बताया कि उत्तराखंड के दो गांवों विनोठा बागेश्वर व चिंतोली चमोली में संस्कृत भाषा मे बोली जाती है। साथ ही अंत मे सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किये। प्रशिक्षण में डॉ अजंता बिष्ट, चेतना मिश्रा, रुचि पाठक, उमेश जोशी, रेनू बोहरा, प्रेमा जोशी, शशि जोशी, बीना श्रीवास्तव, उमेश पांडे, चम्पा जोशी, लक्ष्मण सिंह, मीना पडलिया, उदय राज सिंह, पवन कुमार, राकेश लोहनी आदि उपस्थित रहे।
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