रुद्रपुर- सर्व सौभाग्यदायिनी मां भद्रकाली के तृतीय अंक का विमोचन
सर्वसौभाग्यदायिनी माँ भद्रकाली के तृतीय अंक के विमोचन के साथ दतिया से साधना कर लौटे सत्य साधक विजेंद्र पांडे का किया गया भव्य स्वागत
हिमालय आध्यात्म की महान् धरोहर
रुद्रपुर/ उत्तराखण्ड़ के प्रसिद्व वैष्णवी शक्ति पीठ भद्रकाली दरबार पर वरिष्ठ़ पत्रकार रमाकान्त पंत द्वारा लिखी गयी पुस्तिका ‘सर्वसौभाग्यदायिनी माँ भद्रकाली’ का विमोचन माँ पीताम्बरी साधना एंव दिव्य योग ट्रस्ट के संस्थापक सत्य साधक विजेन्द्र पाण्डेय गुरुजी एंव रुद्रपुर के कोतवाल नित्यानन्द पंत ,इंस्पेक्टर राजेश यादव व पूर्व दर्जा राज्यमन्त्री ललित पन्त ने संयुक्त रुप से किया विमोचन कार्यक्रम के आयोजक एंव पुस्तक के प्रकाशक माँ भद्रकाली मन्दिर समिति के अध्यक्ष योगेश पन्त ने इस अवसर पर सभी आगंतुओं का स्वागत करते हुए आभार व्यक्त किया।
विमोचन के दौरान मुख्य वक्ताओं में सत्यसाधक श्री गुरुजी ने कहा हमारे जीवन में धर्म और आध्यात्म का बहुत महत्व है।और हिमालय की भूमि तो आध्यात्म की महान् धरोहर है। इस भूमि में स्थित महान् तीर्थो को निरंतर प्रकाश में लानें का प्रयास बेहद सराहनीय है।

कोतवाल नित्यानन्द पंत ने कहा कि लोग साधना एंव ध्यान करनें के लिए हिमालय की शरण में आते जाते रहे है। यहां के पौराणिक तीर्थ श्रद्वा व भक्ति का सगंम है। इन्हीं तीर्थों में माँ भद्रकाली का दरबार भी परम पूज्यनीय है। पूर्व दर्जा राज्य मन्त्री ललित पंत एंव इस्पेक्टर राजेश यादव ने कहा धर्म, आध्यात्म, और दर्शन पर आधारित पुस्तक सर्वस्वरूपा माँ भद्रकाली उत्तराखण्ड़ के तीर्थ स्थलों पर एक बेहतर मार्ग दर्शन है।

इस अवसर पर माई पीताम्बरी के साधक विजेन्द्र पाण्डेय गुरूजी, कोतवाल नित्यानन्द पंत, इस्पेक्टर राजेश यादव, माँ भद्रकाली मंदिर समिति कमस्यार घाटी बागेश्वर के अध्यक्ष योगेश पंत, पूर्व दर्जा मन्त्री ललित पंत , विक्रम असगोला, कमलेश भट्ट, प्रमोद दानी , सर्वेश गंगवार सहित अनेकों मौजूद रहे। कार्यक्रम में दतिया साधना से लौटे सत्य साधक श्री विजेन्द्र पाण्डेय गुरुजी का सभी के द्वारा माल्यार्पण कर स्वागत किया गया।
रिपोर्ट-जीवन गोस्वामी


सबसे पहले ख़बरें पाने के लिए -
हमारे व्हाट्सएप समाचार ग्रुप से जुड़ें
फेसबुक पर जुड़ने हेतु पेज़ को लाइक करें
टेलीग्राम ग्रुप से जुड़ने के लिए क्लिक करें
हमारे इस नंबर 9927164214 को अपने व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ें