महाशिवरात्रि: भारी बारिश के बावजूद मंदिरों में आस्था का सैलाब, हर हर महादेव से गुंजायमान हुए शिवालय
महाशिवरात्रि: भारी बारिश के बीच उमड़ा आस्था का सैलाब, हर हर महादेव से गुंजायमान हुए शिवालय
लालकुआं/हल्द्वानी/जागेश्वर। महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर मंदिरों में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा, भारी बारिश के बावजूद सुबह से ही जलाभिषेक करने के लिए शिवालयों में भक्तजनों की लंबी-लंबी कतारें लग गई।
श्री हंस प्रेम योग आश्रम में पांच दिवसीय महोत्सव का आज शुभारंभ हुआ वेद मंत्रों की गूंज के बीच बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने इस अवसर पर हिस्सा लिया शिव महोत्सव का शुभारंभ हापुड़ उत्तर प्रदेश से आई महात्मा नीलांजना बाई उन्नाव से आए महात्मा सुधर्मा नंदजी तथा विद्वतानंद जी महात्मा पुष्पा बाई ने संयुक्त रूप से किया ।

इस दौरान आयोजित संत समागम के दौरान शिव तत्व विवेचन पर बोलते हुए नीलांजना बाई ने कहा कि शिव कल्याण के देवता हैं शिव देवों के देव महादेव कहलाए जाते हैं ऐसा इसलिए कि शिव को सर्वशक्तिमान होने के साथ-साथ दया का सागर कहा गया है उन्होंने कहा कि शिव दरबार में एक साथ हम शेर और बैल को देखते हैं एक साथ हम मयूर और सर्प को देखते हैं हम सांप और चूहे को एक साथ देखते हैं यह सब सामाजिक समरसता का प्रतीक है यानि कि शिव संदेश देते हैं कि समाज में कोई भी छोटा बड़ा नहीं है व्यक्ति अपने कर्मों से ही महान बनता है इसलिए सदैव सत्कर्म करते रहना चाहिए महात्मा सुधर्मा नंद महात्मा सत्यबोधा नंद महात्मा सार्थानंद महात्मा आत्म वेदांतानंद महात्मा ज्ञान प्रकाशानंद ने अपने सारगर्भित प्रवचनों के माध्यम से कहा कि शिव महोत्सव का उद्देश्य शिव की महिमा को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचा कर उनके भीतर शिव तत्व को पैदा करना है ।
उक्त महात्मा जनों ने कहा कि शिव का अलंकार व्यक्ति को जीवन जीना सिखाता है शिव के मस्तक पर चंद्रमा और जटाओं में गंगा शीतलता तथा निर्मलता का प्रतीक है शिव के समीप नंदी बैल परिश्रम का प्रतीक है और शेर साहस का प्रतीक है उन्होंने कहा कि जो साहसी और परिश्रमी होगा वही शिव की भक्ति को प्राप्त कर सकता है उन्होंने कहा कि शिव अपने शरीर पर भस्म लेपन करते हैं उसका तात्पर्य यही है कि यह नश्वर शरीर है और एक दिन इसको इस राख में मिल जाना है इसलिए जब तक यह भौतिक शरीर आपके पास है निरंतर परोपकार के कार्यों को करते रहे इस दौरान महात्मा प्र चारिका बाई महात्मा लीलावतीबाई महात्मा पुष्पा बाई महात्मा ईश्वरी बाई महात्मा स्नेहा बाई ने भी अपने सारगर्भित प्रवचनों के माध्यम से शिव तत्व पर गहराई से प्रकाश डाला ।

इससे पूर्व आज सुबह मूसलाधार बारिश के बावजूद श्री हंस योग आश्रम में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ना शुरू रहा भीषण बारिश भी श्रद्धालुओं की आस्था को डिगा पाने में नाकामयाब रही और सुबह 9:00 बजे तक बड़ी संख्या में श्रद्धालु आश्रम में पहुंच चुके थे इस दौरान शिव पर जलाभिषेक करने के साथ-साथ श्रद्धालुओं ने सत्संग श्रवण कर खुद को धन्य किया इस दौरान विशाल भंडारे का भी आयोजन किया गया जिसमें हजारों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया संत समागम एवं शिव महोत्सव में विधायक नवीन चंद्र दुमका पूर्व मंत्री हरीश चंद्र दुर्गापाल समाजसेवी प्रमोद कॉलोनी रमेश पलडिया ब्रजमोहन हरीश भट्ट भोला कफल्टिया मधु अग्रवाल जगदीश अग्रवाल किरण रेखा बिष्ट गोविंदी देवी नंदी देवी भागीरथी पांडे पुष्पा भट्ट प्रेम नाथ पंडित स्वामीनाथ पंडित सियाराम अग्रवाल समेत बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे इधर कार्यक्रम के मीडिया प्रभारी अजय उप्रेती ने जानकारी देते हुए बताया कि कल 22 फरवरी को आश्रम से सुबह 9:00 बजे विशाल शोभायात्रा निकाली जाएगी पश्चात 22 फरवरी से लेकर 25 फरवरी तक कथा प्रवचन भजन संध्या एवं योग साधना शिविर का आयोजन किया जाएगा
हल्द्वानी में सतराली बिरादरों की होली का शुभारंभ

हल्द्वानी। अपने पूर्वजों की परंपरा का जीवित रखने एवं उसे सफलतापूर्वक आने वाली पीढ़ी को हस्तांतरित करने के उद्देश्य से सतराली सांस्कृतिक समिति शीशमहल हल्द्वानी के द्वारा सातगाँव सतराली के बिरादरों की होली को हल्द्वानी में विगत कई वर्षों से आयोजित किया जा रहा है। इस वर्ष की होली के आयोजन के सिलसिले में एक महत्वपूर्ण बैठक हनुमान मंदिर काठगोदाम में की गई । जिसमें सदस्य गणों के द्वारा आपसी परामर्श से रंग पडने 5 मार्च के दिन से होली आयोजन का प्रस्ताव रखा।
बैठक में उपस्थित सदस्यों में गिरीश चंद्र लोहनी ने सभी आगंतुक सदस्यों का स्वागत किया। इस अवसर पर होली गायन का भी आयोजन किया गया जिसमें , शिव जी चले गोकुल नगरी, कैलाश से आए दिगम्बर
अंग भभूत रमाए रे…, सिद्धि को दाता विधन विनाशन, होली खेलें गिरिजा पति नंदन।
यहां पर बताते चलें कि, उत्तराखंड के जिन क्षेत्रों में होली सर्वाधिक प्रसिद्ध है उनमें से सातगांव सतराली की होली को भी सर्वोच्च कोटि का माना जाता है । कुमाऊं की परंपरागत होली में यदि किसी क्षेत्र की होली को देखना और सुनना हो तो सातगांव सतराली अल्मोड़ा की होली का अपनी अलग ही पहचान है ।
आज की बैठक में दीप चंद्र लोहनी, गिरीश चंद्र जोशी, मदन मोहन गिरी , दिनेश चंद्र , रघुवर दत्त लोहनी ,सतीश लोहनी , गौरीशंकर काण्डपाल, विपिन चन्द्र, शेखर चन्द्र, रमेश चन्द्र, महेश चन्द्र तथा जगदीश लोहनी आदि उपस्थित रहे।
कार्यक्रम संयोजक गिरीश चंद्र लोहनी ने कहा की इस सिलसिले में एक बैठक आगामी 1 मार्च को भी आयोजित की जाएगी ।
जागेश्वर धाम में हजारों शिव भक्तों ने किया जलाभिषेक

अल्मोड़ा। महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर हजारों शिव भक्तों ने आज जागेश्वर धाम में पूजा अर्चना की तथा 1008 नमो नमो के जाप के साथ जलाभिषेक किया। जिला प्रशासन ने बिगड़ते मौसम के बाद बढ़ती श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था के व्यापक इंतजाम किए हुए थे।
इस अवसर पर अल्मोड़ा निवासी सतीश गुप्ता ने अपने माता पिता स्वर्गीय श्री हीरालाल गुप्ता व स्वर्गीय श्रीमती सुशीला गुप्ता की याद में श्री ज्योतिर्लिंग जागेश्वर मंदिर समूह के अंतर्गत मुख्य मंदिर श्री ज्योतिर्लिंग जागेश्वर में मध्य मंडल हेतु एक 32 इंच की एलईडी टीवी जागेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति को दान स्वरूप दी
।जागेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति के प्रबंधक श्री भगवान भट्ट द्वारा दान दाता श्री गुप्ता व उनके परिवार को व्यवस्थाओं में सहयोग देने हेतु धन्यवाद व आभार जताया।

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