बालिकाओं को आत्मनिर्भर बनाने एवं युवा-पीढी को नशे से बचाने के लिए कराटे प्रशिक्षण क्यों है जरूरी- बता रहे हैं नेशनल कराटे कोच नरेंद्र सिंह रजवार
बालिकाओं को आत्मनिर्भर बनाने एवं युवा-पीढी को नशे से बचाने के लिए कराटे प्रशिक्षण क्यों है जरूरी- बता रहे हैं नेशनल कराटे कोच नरेंद्र सिंह रजवार
नैनीताल। युवा पीढ़ी को नशे से दूर रहकर स्वस्थ एवं आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा दे रहे हैं कराटे नेशनल कोच ब्लैक बेल्ट फॉर डॉन नरेंद्र सिंह रजवार।

नैनीताल जनपद के लालकुआं वार्ड नंबर 2 ,गांधीनगर निवासी सिंहान नरेंद्र सिंह रजवार पिछले 25 वर्षों से नैनीताल जिले के हल्द्वानी ,लालकुआं ,बिंदुखत्ता ,हल्दूचौड़ ,गौलापार समेत उधम सिंह नगर जिले के तमाम क्षेत्रों में कराटे का प्रशिक्षण देकर हजारों बालक बालिकाओं को नशे से दूर रहने की प्रेरणा के साथ ही आत्म रक्षा के क्षेत्र में भी निर्भर बना चुके हैं।
उनके मार्गदर्शन में अब तक सैकड़ों युवा सेना में भर्ती होकर देश सेवा कर रहे हैं तथा अनेक युवा विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं।
उत्तराखंड मॉर्निंग पोस्ट से विशेष भेंटवार्ता में नेशनल कराटे कोच नरेंद्र सिंह रजवार ने बताया कि वर्तमान समय में नशे का प्रचलन बहुत तेजी के साथ फैल रहा है जिसमें विशेषकर स्कूली बच्चे व युवा पीढ़ी इसकी चपेट में आ रहे हैं। उन्होंने कहा बच्चों को बाल्यावस्था से ही कराटे का प्रशिक्षण देकर नशे से दूर रखा जा सकता है।
उन्होंने बताया अब तक वह हजारों बच्चों को कराटे का प्रशिक्षण दे चुके हैं तथा वर्तमान में भी उनके दिशा निर्देशन में सोल्जर डिफेंस एकेडमी समेत तमाम जगह कराटे क्लासेस चल रही हैं। लेकिन आज तक कोई भी ऐसा मामला नहीं आया कि कराटे प्रशिक्षित युवा नशे की ओर अग्रसर रहा हो।
नेशनल कोच नरेंद्र सिंह रजवार ने कहा कि युवाओं को शारीरिक मानसिक रूप से फिट रखने के अलावा कराटे विशेषकर बालिकाओं के आत्मविश्वास बढ़ाने एवं आत्म रक्षा के क्षेत्र में उन्हें निर्भर बनाने के लिए वरदान साबित हो रहा है। उन्होंने कहा कराटे प्रशिक्षण लेने के उपरांत महिलाएं अपनी सुरक्षा को लेकर पूरी तरह आत्मनिर्भर बन सकती हैं।

उन्होंने कहा बालिकाओं को बढ़चढ़ कर कराटे प्रशिक्षण में भाग लेना चाहिए। आज की बालिका को आत्मनिर्भर बनने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा बालिका देश के भविष्य निर्माण में सहायक है। स्वयं मजबूत बनोगी तो देश भी मजबूत बनेगा। आत्मरक्षा के लिए सबसे पहले स्वयं में आत्म विश्वास जगाना है। स्वयं की रक्षा स्वयं ही करनी पड़ती है । इसके लिए आत्मनिर्भर होना अत्यन्त आवश्यक है।

उन्होंने कहा कुछ अभिभावकों को भ्रम रहता है कि बच्चे को कराटे का प्रशिक्षण दिलवाने से उसकी पढ़ाई डिस्टर्ब होती है लेकिन यह अवधारणा पूरी तरह निराधार है। उन्होंने कहा कराटे से बच्चा शारीरिक रूप से फिट रहने के साथ ही मानसिक रूप से भी स्वस्थ बनता है उसमें आत्मविश्वास की भी वृद्धि होती है। जिससे बच्चा पढ़ाई के क्षेत्र में भी अव्वल दर्जे का रहता है।
श्री रजवार ने कहा वर्तमान समय में जहां नशे का प्रचलन बढ़ा है वहीं दूसरी ओर आए दिन महिलाओं के साथ अभद्रता की घटनाएं सामने आती रहती है ,ऐसे समय में प्रत्येक बच्चे को कराटे में प्रशिक्षित होना अत्यंत आवश्यक है।
उन्होंने कहा सरकार नशे के खिलाफ जागरूकता व बालिकाओं की सुरक्षा के लिए तमाम योजनाएं चला रही है इसी क्रम में वह केंद्र व राज्य सरकार से गुजारिश करते हैं कि प्रत्येक सरकारी व प्राइवेट स्कूल में पढ़ाई के साथ एक क्लास कराटे की भी रखी जाए। और प्रशिक्षित कोच के माध्यम से बच्चों को कराटे का प्रशिक्षण प्रदान किया जाए जिससे बच्चा बड़ा होकर देश का भविष्य बन सके।

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