बागेश्वर-डीएम की अध्यक्षता में डायट कार्यक्रम परामर्श समिति की बैठक आयोजित, शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के निर्देश
बागेश्वर,12 मार्च । जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) कार्यक्रम परामर्श समिति की बैठक जिलाधिकारी रंजना राजगुरू की अध्यक्षता में कलेक्टे्रट सभागार में आयोजित हुई जिसमें संस्थान द्वारा संचालित किये जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों की समीक्षा की।
बैठक में जिलाधिकारी रंजना राजगुरू ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जनपद में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर करना हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी है तथा बच्चों को उच्च कोटी की शिक्षा देना सभी शिक्षको का नैतिक कर्तव्य है इसके लिए यह आवश्यक है कि बेहतर तकनीकि का प्रयोग किया जाय ताकि शिक्षकों द्वारा बच्चे को पढाया जाय उसे बच्चें उसका बेहतर तरीके से अध्ययन करते हुए सरलता पूर्वक सीख सकें। उन्होंने यह भी निर्देश दिये है कि बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए यह आवश्यक है उनकी प्रारंभिक शिक्षा गुणवत्तापूर्ण हो ताकि एक मजबूत नीव का निर्माण हो सके, जिससे बच्चे भविष्य में किसी भी मुकाम को आसानी से हासिल कर सकेंगे।
उन्होंने कहा कि इसके लिए यह आवश्यक है कि डायट यह सुनिश्चित करें कि जनपद के दूरस्थ क्षेत्रों में नवाचार गतिविधियों एवं शिक्षा के चित्रात्मक एवं भावात्मक माध्यमों का भी विस्तार किया जाय, साथ ही ऐसे शिक्षकों को जिनके द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर कार्य किये जा रहे है के संबंध में प्रचार-प्रसार कर उनके द्वारा संपादित कार्यों एवं उसके परिणामों का प्रदर्शन करते हुए उन्हें प्रोत्साहित करें, ताकि अन्य शिक्षक भी ऐसे शिक्षको से प्रेरणा ले सकें। उन्होंने यह भी कहा ऐसे शिक्षक जिनका वार्षिक परीक्षाफल विगत समय से ठीक नहीं रह रहा है उन्हें उचित मार्गदर्शन एवं प्रशिक्षण दिया जाय, ताकि वे अपने परीक्षाफल एवं सुधार ला सकें।
जिलाधिकारी ने जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान कार्यक्रम सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता रखते हुए डायट को यह भी निर्देश दिये कि वे शिक्षकों को विद्यालय में आयोजित किये जाने वाले हैप्पी हावर के संबंध में मजबूत प्रशिक्षण दें ताकि बच्चों के पठन-पाठन की शुरूआत एक मजबूत एवं स्वस्थ मानसिकता के साथ हो सके। उन्होंने शिक्षा विभाग को निर्देशित करते हए कहा कि वे भी इस योजना के धरातलीय क्रियान्वयन को सुनिश्चित करें। उन्होंने भाषा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए एवं बच्चों को बहुभाषी ज्ञान उपलब्ध कराने के दृष्टिगत डायट को निर्देश करते हुए कहा कि वे हिन्दी के साथ साथ अग्रेजी, कुमाऊॅनी, संस्कृत जैसी भाषाओं के शोध एवं प्रशिक्षण कार्यक्रमों का भी आयोजन करें ताकि नवाचारात्मक पहलूओं को बढ़ावा देते हुए बच्चों को सरलतापूर्वक एक से अधिक भाषाओं को सीखाया जा सके जो कि वर्तमान समय की दरकार है।
उन्होंने शिक्षा विभाग एवं डायट को निर्देशित करते हुए कहा कि वे आपसी समन्वय के साथ शिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम को इस तरह निर्धारित करे जिसमें बच्चों की पढ़ार्इ पर प्रतीकूल प्रभाव न पड़े एवं बच्चे अधिक से अधिक लाभान्वित हो सके।
बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में धन की कमी को आडे नही आने दिया जायेगा साथ ही यह भी प्रयास किया जायेगा कि उपलब्ध संसाधनों का बेहतर से बेहतर इस्तेमाल करते हुए छात्रों के बेहतर भविष्य का निर्माण किया जा सके। उन्होंने कहा कि जिन विद्यालयों में शिक्षको की कमी है ऐसे विद्यालयों में र्इ-कन्टेंट के माध्यम से पठन-पाठन का कार्य सुनिश्चित कराया जाय, साथ ही शिक्षा में गुणवत्ताणत्मक पहलुओं को मजबूत करने के लिए विभिन्न योजना के समग्र रूप में क्रियान्वयन करने की आवश्यकता है।
बैठक के दौरान नियोजन प्रबंधन विभाग के प्रभारी कैलाश प्रकाश चंदोला ने शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान द्वारा किये जा रहे कार्यक्रमों के बारे में जिलाधिकारी को विस्तार से जानकारी दी। जिसमें उन्होंने कहा कि जनपद स्तर पर अनौपचारिक शिक्षा ज्ौसे राष्ट्रीय उपलब्धि/सर्वेक्षण आदि के संबंध में कार्यक्रमों के संचालन एवं नीतियों के निर्धारण में शैक्षणिक और संसाधनात्मक सहयोग प्रदान करना, आंगनबाडी कार्यकत्रियों एवं सहायको के प्रशिक्षण कार्यक्रम एवं बालिका शिक्षा तथा शैक्षिक तकनीकि के लिए संस्थान को आर्इसीटी उपकरण कम्प्यूटर लैब, शिक्षण सामग्री आदि प्रदान करना तथा विद्यालय शिक्षा में प्रभावी शिक्षण के लिए र्इ लनिर्ंग के उपयोग हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम अयोजित करना जैसे महत्पूर्ण कार्यो का संपादन संस्थान द्वारा किया जा रहा है। जिस पर जिलाधिकारी ने शिक्षण संस्थानों में नवाचार एवं विभिन्न शिक्षण संस्थानों के बीच समन्वय को मजबूत करने के निर्देश दिये।
बैठक में जिलाधिकारी द्वारा वार्षिक कार्ययोजना 2020-21 में शिक्षक-शिक्षा के अन्तर्गत कार्यक्रम एवं गतिविधियों हेतु 30 लाख, संकाय विकास कार्यक्रम हेतु 10 लाख, रिसर्च एक्टीविटी हेतु 10 लाख, निमार्ण कार्य हेतु 265.59 लाख, उपकरण हेतु 20 लाख, समग्र शिक्षा अभियान के अन्तर्गत कक्षा 01 से 12 तक कार्यरत अध्यापकों का सेवारत शिक्षक प्रशिक्षण आदि हेतु 8.8 लाख का अनुमोदन किया गया। जिलाधिकारी द्वारा अनुमोदन उपरान्त इसे एस.सी.आर्इ.आर.टी. उत्तराखण्ड देहरादून प्रेषित किया गया।
बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी पदमेंद्र सकलानी, प्रचार्य डायट एस.बी.जोशी, जिला पूर्ति अधिकारी अरूण कुमार वर्मा, डॉ एस.एस.धपोला प्रवक्ता डायट, भैरव दत्त पांडे सहित समस्त खंड शिक्षा अधिकारी एवं संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।
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