पिथौरागढ़-वर्षा आधारित कृषि उत्पादकता को बढाने के प्रयास, जिलाधिकारी ने की विकास कार्यों की समीक्षा
पिथौरागढ़। जिलाधिकारी डॉ विजय कुमार जोगदण्डे द्वारा विकास भवन सभागार में एकीकृत आजीविका सहयोग परियोजना तथा उत्तराखंड विकेंद्रीकृत जलागम विकास परियोजना ग्राम्या के अंतर्गत जिले के विभिन्न क्षेत्रान्तर्गत संचालित विकास कार्यों की समीक्षा की गई।
एकीकृत आजीविका सहयोग परियोजना (आई एल एस पी) की जिला क्रियान्वयन एवं समन्वय समिति की बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने परियोजना अंतर्गत वर्ष 2019-20 में तीनों विकास खण्डों, विण,मूनाकोट एवं कनालीछीना में किए गए विभिन्न कार्यों की समीक्षा करते हुए सराहना की गई।जिलाधिकारी ने कहा कि परियोजना के अंतर्गत जो भी फेडरेशन व समूह कार्य कर रहे हैं उनके सदस्यों को केसीसी उपलब्ध कराने के साथ ही उन्हें बैंक लिंकेज से जोड़ा जाय।जिलाधिकारी ने कहा कि किसानों की आय दोगुना किए जाने हेतु ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न कृषि से जुड़े क्रियाकलाप करने हेतु नवाचार करें।जिलाधिकारी ने कहा कि परियोजना अंतर्गत भटेडी व बड़ाबे में आलू बीज का उत्पादन कराया जाय तो किसानों को अधिक लाभ मिलेगा।
बैठक में परियोजना प्रबंधक आईएलएसपी कुलदीप बिष्ट ने अवगत कराया कि जिले के तीनों विकास खण्डों में वित्तीय वर्ष 2019 -20 में कुल 16 फेडरेशनों द्वारा 8 करोड़ 40 लाख का ब्यापार किया गया जिसमें फेडरेशनों को कुल 70 लाख 29 हजार रुपये का शुद्ध लाभ इन 16 फेडरेशनों के 10 हजार 112 सदस्यों को प्राप्त हुआ। जिलाधिकारी ने कहा कि इन सभी सदस्यों का केसीसी बनाकर बैंक लिंकेज करें। श्री बिष्ट ने अवगत कराया कि शासन द्वारा तीन ग्रोथ सेंटर क्षेत्र में स्वीकृत किए गए हैं जिसमें विकास खण्ड विण में बालाकोट में फल प्रसंस्करण,मूनाकोट के भटेड़ी में पोल्ट्री व गौडीहाट में मशाला उद्योग स्थापित किए जाने हैं, इस हेतु धनराशि भी प्राप्त हो गई है। जिलाधिकारी ने तीनों स्वीकृत ग्रोथ सेंटरों का कार्य शीघ्र प्रारम्भ कराने के निर्देश दिए गए।ताकि स्थानीय लोगों को इनका लाभ मिल सके।
जिलाधिकारी द्वारा जिला जलागम समन्वय समिति की भी बैठक लेते हुए परियोजना अंतर्गत किए गए कार्यों की समीक्षा की गई। बैठक में ग्राम्या से आए उप परियोजना निदेशक एन एस रावत ने परियोजना के अंतर्गत विभिन्न क्षेत्रों में जलागम,कृषि एवं औद्यानिक विकास,भूमि संरक्षण गतिविधियों के कार्यों सहित क्षेत्रान्तर्गत किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी गई।उन्होंने परियोजना अंतर्गत विभिन्न ग्राम पंचायतों में जल संरक्षण व जल संवर्धन के कराए गए कार्यों को पावर पॉइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से बताया गया।उन्होंने विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रान्तर्गत स्थानीय लोगों को स्वरोजगार उपलब्द्ध कराए जाने हेतु कराई गई विभिन्न गतिविधियों की भी जानकारी दी गई।
बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि परियोजना का मुख्य उद्देश्य सूक्ष्म जलागम क्षेत्रों में स्थानीय ग्राम समुदायों की सहभागिता से प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग की दक्षता तथा वर्षा आधारित कृषि की उत्पादकता को बढ़ाना है,ईद हेतु विभाग इसके सफल क्रियान्वयन हेतु धरातल पर कार्य कर स्थानीय लोगों को परियोजना का लाभ प्रदान करें ताकि गाँवों से होने वाला पलायन रुके। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी वन्दना,मुख्य कृषि अधिकारी अमरेन्द्र चौधरी, मुख्य उद्यान अधिकारी आर एस वर्मा,कृषि अधिकारी वी पी मौर्या, जिला लीड बैंक अधिकारी प्रवीण सिंह गर्बियाल सहित विभिन्न रेखीय विभागों के अधिकारी समेत परियोजना अंतर्गत कार्य कर रही स्वयं सेवी संस्थाओं, समूहों, फेडरेशनों आदि के सदस्य मौजूद रहे। बैठक में विभिन्न क्षेत्रों से आए फेडरेशनों के सदस्यों, किसानों द्वारा अपने अनुभव सांझा किए।
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