धर्म प्रवाह: श्रद्धालुओं की अपार आस्था का केंद्र है बिंदुखत्ता का हाट कालिका मंदिर
नैनीताल(अजय उप्रेती)। देवभूमि उत्तराखंड के नैनीताल जनपद अंतर्गत बिंदुखत्ता के शास्त्री नगर गांव में स्थित हाटकालिका का दरबार भक्तों की अपार आस्था व श्रद्धा का केंद्र है यहां वर्ष भर श्रद्धालुओं की आवाजाही बनी रहती है यहां पर सच्चे मन से की गई पूजा अर्चना कभी निष्फल नहीं जाती है और मनुष्य कैसे भी संकट में क्यों न घिरा हो यदि वह सच्चे मन से कहीं से भी कभी भी मां का सुमिरन कर तो उसे तत्काल उसका लाभ मिलता है और उसके समस्त प्रकार के संकट दूर हो जाते हैं।
कुमाऊं के प्रमुख शक्तिपीठों मां पूर्णागिरि धाम ,कोटगाड़ी मंदिर ,गंगोलीहाट की हाट कालिका ,जनपद चंपावत अंतर्गत अखिल तारिणी मंदिर ,नैनीताल जनपद में स्थित कालीचौड़ मंदिर ,जनपद अल्मोड़ा का दूनागिरी मंदिर के अलावा बिंदुखत्ता का हाटकालिका दरबार प्रमुख शक्ति स्थल माना जाता है ।
इन सब शक्ति स्थलों में जाकर व्यक्ति के जन्म जन्मांतर के संकट क्षण में दूर हो जाते हैं और उसके जीवन में नई उम्मीद नई ऊर्जा का संचार होता है जो भी भक्त मां के दरबार में श्रद्धा से शीष नवाता है मां उसे वह सब कुछ प्रदान कर देती है जो उसके कल्याण के लिए जरूरी है दरबार में सर्व मंगल से की गई कामना त्वरित फल प्रदान करती है ।
बिंदुखत्ता में स्थित महाकाली का दरबार क्षेत्र का सबसे प्राचीनतम देव मंदिर माना जाता है यहां वर्ष भर श्रद्धालुओं की आवाजाही होती है और धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन होता रहता है किंतु नवरात्रि में तो यहां की महिमा अनुपम और मन को मोह लेने वाली है इस दरबार में पहुंचते ही मन चंद्रमा के समान शीतल और गंगा के समान पावन हो जाता है जिस प्रकार से पुष्प में सुगंध दूध में घी सूर्य में तेज अग्नि में तपन चंद्रमा में आह्लाद समाया है उसी प्रकार से मां हाट कालिका के अलौकिक मंदिर के कण-कण में साक्षात दिव्य शक्ति समाई है।
महाकाली के दरबार में पहुंचते ही एक विशेष प्रकार की अनुभूति होती है जो आत्मा से परमात्मा का साक्षात्कार कराते हुए मनुष्य को असीम सुख एवं शांति प्रदान करती है।
जयति जय जगदंब भवानी कालरात्रि वरदा कल्याणी
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