धर्म प्रवाह:: विषय विकारों से मुक्त होना ही शिव तत्व है: सत्यबोधानंद
सत्संग ज्ञान का सरोवर है: महात्मा सत्यबोधानंद
लालकुआं(नैनीताल) मां अवंतिका देवी मंदिर में चल रहे शिव तत्व विवेचन एवं सद्भावना संत सम्मेलन में मानव उत्थान सेवा समिति के प्रभारी महात्मा सत्यबोधानंद ने कहा कि विषय एवं विकारों से मुक्त होकर ज्ञान भक्ति वैराग्य द्वारा परमार्थ में लगना ही शिव तत्व है।
महात्मा सत्यबोधानंद ने कहा कि काम क्रोध लोभ मोह मद मत्सर यह सभी विकार कहे जाते हैं जबकि रस रूप गंध शब्द स्पर्श यह विषय हैं इन विषय विकारों से खुद को अलग कर लेना तथा ज्ञान भक्ति वैराग्य के द्वारा परमार्थ को अपने जीवन में उतारना ही शिव तत्व है क्योंकि शिव कल्याण के देवता हैं और शिव को समझने के लिए इन सब चीजों का जीवन में होना जरूरी है ।

उन्होंने सत्संग को ज्ञान का मानसरोवर बताते हुए कहा कि सत्संग से व्यक्ति के अंदर विवेक की प्राप्ति होती है और विवेकशील व्यक्ति ही आत्म तत्व को समझ सकता है ।
इस अवसर पर महात्मा परिचारिका बाई लीलावतीबाई प्रभाकरानंद आलोकानंद ने भी सारगर्भित प्रवचन दिए ।
दूसरे दिन आयोजित सतत एवं सद्भावना सम्मेलन में मुख्य रूप से पूर्व मंत्री हरीश चंद्र दुर्गापाल , जगदीश चंद्र अग्रवाल ,आचार्य चंद्रशेखर जोशी ,हेमा जोशी ,गोपाल जोशी ,केशव कांडपाल ,रमाकांत पंत ,अजय उप्रेती ,गीता भट्ट , तारा पांडे ,मुन्नी पांडे ,दीपा पांडे, मधु गोयल राज लक्ष्मी पंडित ,स्वामीनाथ समेत अनेकों श्रद्धालु मौजूद थे।
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