डाक्टर की सलाह:- पढ़िए क्या है Covid-19 (कोरोना वायरस) ,लक्षण व बचाव
:-Covid-19:-जानिए क्या है कोरोना वायरस- कैसे करें बचाव-डा.सीमा मधवार/डा.सुनील मधवार
कोविड-19 बनाम कोरोनावायरस
कोविड-19 अर्थात कोरोना वायरस डिजीज ऑफ 2019
कोविड-19 एक नई बीमारी है जो नए कोरोनावायरस (सार्स कोव-2) की वजह से होती है कोरोनावायरस के बहुत से प्रकार होते हैं और इनमें वह भी शामिल हैं जो आमतौर पर ऊपरी श्वसन तंत्र में हल्की बीमारी पैदा करते हैं
कोरोनावायरस बहुत सूक्ष्म लेकिन प्रभावी वायरस है यह मानव के बाल की तुलना में 900 गुना छोटा है कोरोना के संक्रमण फैलने की चार बजह हो सकती हैं -आप संक्रमित व्यक्ति के पास कितनी देर रहे
-आप उसके कितने पास गए
- क्या उस व्यक्ति के खांसते या छींकते समय आपको छींटे पड़े या
-आपने अपने चेहरे को कितनी बार छुआ है
जब कोविड-19 से संक्रमित व्यक्ति खांसता या सांस छोड़ता है तो उसके नाक या मुंह से निकली छोटी बूंदों से यह रोग दूसरे में फैल सकता है यह बेहद नन्ही बूंदें उस व्यक्ति के आसपास की दूसरी चीजों या सतह पर भी गिर सकते हैं दूसरा व्यक्ति उस सामान्य सतह के संपर्क में आने के बाद अपने मुंह नाक या आंख को छूने से भी संक्रमित हो सकता है
लक्षण-कोरोना संक्रमित व्यक्ति की पहचान करना बहुत मुश्किल है इसके शुरुआती लक्षण आम सर्दी जुखाम की तरह ही होते हैं कोविड-19 की पहचान लैब में जांच के बाद ही की जा सकती है - बुखार ,खांसी ,सांस लेने में तकलीफ ,थकान ,बदन दर्द ,नाक जाम होना ,गले में खराश, उल्टी ,दस्त आदि लक्षण हो सकते हैं
लेकिन कुछ लोगों में कोई लक्षण नहीं होते यदि आपको जरा सा भी एहसास हो कि आप संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए हैं या कोई लक्षण हो तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें कुछ लोगों को गंभीर रूप से संक्रमण हो सकता है जैसे बुजुर्ग लोग ह्रदय रोगी मधुमेह रोगी फेफड़ों की गंभीर समस्या से ग्रस्त रोगी आदि
बचाव के उपाय-जिस तेजी से अब कोरोना देश में बढ़ रहा है हम अपने आसपास अनेक केस सुनने लगे हैं। भविष्य में हममें से कोई भी संक्रमित हो सकता है।
अतः उचित सावधानियां देश की मृत्यु दर को कम करेंगी ,
परिवारों को आर्थिक , शारीरिक नुकसान से बचाएं
कोविड कभी कभार बिना रिस्क फैक्टर के भी मृत्यु का कारण बन सकता है ।
1- सोशल डिस्टेंसिंग ,मास्क
को गंभीरता से लें । कोरोना एक बार की गलती से भी हो सकता है
- खांसी , बुखार जैसे लक्षण दिखते ही पहला कदम स्वयं को आइसोलेट करना चाहिए । जांच बाद में हो जाएगी । लेकिन आप ऐसा करके अपने परिवारजन , बुजुर्गों , बच्चों की रक्षा कर पाएंगे।
- 85 प्रतिशत कोरोना मरीज़ मामूली रूप से बीमार पड़ कर स्वतः ठीक हो जाएंगे, खासकर युवा हों और कोई अन्य बीमारी न हो तो । इन मरीजों को अस्पताल में भर्ती की आवश्यकता भी नहीं होगी । घर पर अच्छा भोजन , आइसोलेशन, और कुछ दवाएं लेकर वे ठीक हो जाएंगे ।
4. किंतु बचे 15 प्रतिशत में कुछ रक्त जांचों , ऑक्सीजन का स्तर,
मरीज़ की हालत , पुरानी बीमारियां
इत्यादि के आधार पर समय पर भर्ती की आवश्यकता होगी ।
कोविड में मृत्यु की एक बड़ी वजह मरीजों का देर से अस्पताल पंहुचना है । जब कोविड फेंफड़ों के एक बड़े हिस्से को संक्रमित कर चुका होता है तब ।
घर पर पल्स ऑक्सीमीटर से ऑक्सीजन नापते रहने से ऑक्सीजन लेवल का पता लग जाता है
यह स्तर 94 प्रतिशत से नीचे नहीं होना चाहिए ।
सामान्य स्तर 95 से 100 के बीच होता है ।
पल्स ऑक्सीमीटर अब सस्ते हो गए हैं घर पर रखे जा सकते हैं ।
आप हर आधे एक घंटे में आसानी से चेक कर सकते हैं ।
- अधिक बुखार आने , सांस में समस्या इत्यादि होने पर कोविड जांच के अतिरिक्त गंभीरता का अंदाज़ा लगाने कुछ रक्त जांचें एवं हाई रेसोल्यूशन सी टी स्कैन काफी मददगार जांचें हो सकती हैं। जिनके आधार पर भर्ती करना है या नहीं करना है , जैसे निर्णय लिए जा सकते हैं ।
चेस्ट सीटी में परिवर्तन हालांकि अधिकांशतः कोरोना के लक्षण उत्पन्न होने से पांचवें दिन के बाद ही दिखते हैं ।
- अस्पताल में कुछ एंटीवायरल दवाएं ,थक्का न जमने देने की दवा या प्लाज्मा थेरेपी , हाई फ्लो ऑक्सीजन थेरेपी इत्यादि से गंभीर होते मरीजों की जान बचाई जा सकती हैं । लेकिन बिना डॉक्टर की देखरेख कर यह दवाएं खुद उपयोग ना करें
- क्योंकि कोविड मरीज़ अकेला होता है , घबराया भी होता है ऐसे में परिवार , दोस्तों का फ़ोन , वीडियो कॉल , संदेश बेहद अहम होते हैं मरीज़ में विश्वास , जीवटता जगाने में ।
- ख़ूब आराम , अच्छा पोषण , तरल पदार्थ, नींद , ताज़ी हवा , धूप जैसे प्राकृतिक संसाधन आवश्यक हिस्सा हैं इलाज का ।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए गिलोय घनवटी, अश्वगंधा, आमला स्वरस, या विटामिन सी,विटामिन डी(हफ्ते में एक बार), विटामिन बी ,जिंक अहम चीजें हैं जिन्हें लेना चाहिए ।
हल्दी वाला गर्म दूध प्रतिदिन लें
प्रतिदिन गर्म पानी से गरारे करें
प्रतिदिन स्टीम लें
सुपाच्य पौष्टिक भोजन करें मौसम के अनुसार ताजे फल और सब्जियों का प्रयोग करें
- कोविड से घबराने की नहीं , सही कदम उठा कर निकल आने की आवश्यकता है ।
- कोरोना में मरीज़ लक्षणों की शुरुआत से अधिकांशतः 5 से 11 दिन के बीच ही गंभीर होते हैं
अतः इन दिनों में विशेष निगरानी रखें ।
जिनमे बुखार , सांस में तकलीफ़, ऑक्सीजन का स्तर, धड़कन इत्यादि चीजें देखी जा सकती हैं ।
- ठीक होने के बाद पुरानी फिटनेस पाने व्यायाम, योग,
इत्यादि को धीमें धीमे बढ़ाना ज़रूरी होगा ।
प्रोटीन की मात्रा भोजन में समुचित लें ।
साथ ही अपने अनुभवों से औरों को लाभान्वित होने दें ।
कोरोना हुआ , तकलीफ़ हुई लेकिन जब आप ठीक हो गए हैं तब आपके पास कुछ बेहद अहम है ।
आपकी अपनी सुरक्षा के लिए एंटीबाडी, और दूसरों की सुरक्षा के लिए प्लाज़्मा ।
एंटीबॉडी बनने के बाद आप थोड़े समय तक इंफेक्शन से बचे रहेंगे और अपना प्लाज्मा डोनेट करके आप दूसरों का जीवन बचा पाएंगे
और उन सबसे बढ़कर आपका अनुभव जिससे आप गुज़रे ।
लेकिन सबसे जरूरी बात 2 गज की दूरी मास्क है जरूरी खुद भी अपनाएं और दूसरों को भी समझाएं
सार्वजनिक वाहन का प्रयोग ना करें
भीड़ भाड़ वाली जगह ना जाएं
बाहर से आने पर या किसी सामान को छूने के बाद कम से कम 20 सेकंड तक साबुन से हाथ धोयें
जहां साबुन उपलब्ध ना हो वहां अल्कोहल आधारित सैनिटाइजर का प्रयोग करें
कोरनटाइन का मतलब है कि संक्रामक बीमारी की जद में आ चुके लक्षण विहीन लोगों को अलग रखना
क्वॉरेंटाइन का उद्देश्य बीमारी को फैलने से रोकना है 14 दिन के अंदर यदि कोरोना होगा तो उसके लक्षण उत्पन्न हो जाएंगे
इस प्रकार यदि उपरोक्त बातों का हम अनुसरण करेंगे तो हम कोरोना को आसानी से हरा पाने में सक्षम होंगे और हमारा देश आसानी से इस रोग पर विजय पा सकेगा। इसलिए अब हमें डरना नहीं है डटकर लड़ना है क्योंकि डर के आगे जीत है।
:-डा.सीमा मधवार/डा.सुनील मधवार लालकुआं(नैनीताल)-उत्तराखंड



सबसे पहले ख़बरें पाने के लिए -
हमारे व्हाट्सएप समाचार ग्रुप से जुड़ें
फेसबुक पर जुड़ने हेतु पेज़ को लाइक करें
टेलीग्राम ग्रुप से जुड़ने के लिए क्लिक करें
हमारे इस नंबर 9927164214 को अपने व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ें