उत्तराखंड के इन 3 शिक्षकों ने हैदराबाद में बिखेरी लोक संस्कृति की छटा, बेडू पाको बारो मासा गीत पर झूमे देशभर के प्रतिभागी
हैदराबाद में बिखेरी शिक्षकों ने उत्तराखंड की संस्कृति की झलक
हैदराबाद/उत्तराखंड-सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केंद्र (सीसीआरटी) के क्षेत्रीय केंद्र हैदराबाद में चल रहे “शिक्षा में पुतलीकला की उपयोगिता” प्रशिक्षण में 14वें दिन उत्तराखंड की संस्कृति की झलक देख कर भारत के विभिन्न राज्यों से आये प्रतिभागी अभिभूत हुए।

यहाँ उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व कर रहे राप्रावि रिखोली बेतालघाट के शिक्षक प्रदीप सिंह बोहरा ,राप्रावि सूखा बेतालघाट के सुनील उपाध्याय, राप्रावि गांधीनगर हल्द्वानी के शिक्षक भुवन चंद्र पंत ने सर्वप्रथम उत्तराखंड के राजकीय गीत “उत्तराखंड देवभूमि, मातृभूमि…” से शुरुवात कर, उत्तराखंड के झोड़ा चांचरी सहित परंपरागत नृत्यों का सुंदर अभिनय कर देश के अन्य राज्यों के प्रतिभागियों को साथ मे आने पर मजबूर कर दिया।
कर्नाटक,तमिलनाडू, उत्तरप्रदेश की शिक्षिकाओं ने “बेड़ू पाको बारो मासा” में सुंदर नृत्य कर सबको आश्चर्य में डाल दिया। शिक्षकों ने प्रोजेक्टर के माध्यम से उत्तराखंड की जानकारी, पर्यटन, धार्मिक महत्व, शिक्षा, परिधान, खानपान,नृत्य, कला एवं समस्याओं के बारे में बताया गया।

सीसीआरटी के नैनीताल जिले के सन्दर्भदाता राजेन्द्र कुमार जोशी ने कहा कि हमारे राज्य से नैनीताल जिले से ही मात्र 3 शिक्षक होने के बावजूद भी, शिक्षकों ने पूरे उत्तराखंड की संस्कृति को बहुत ही आकर्षक रूप से देश के विभिन्न राज्यों से आए प्रतिभागियों के सामने प्रस्तुत कर इस प्रशिक्षण की सार्थकता को प्रदर्शित किया है।
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