अनलॉक-3:-उत्तराखंड आ रहे हैं तो इन नियमों को जानना है जरूरी
देहरादून:- बाहर से उत्तराखंड आने वालों के लिए महत्वपूर्ण खबर ,
उत्तराखंड में अनलॉक-03 के तहत जो गाइडलाइन जारी हुई है वह लागू हो चुकी है ऐसे में उत्तराखंड में रात का कर्फ्यू समाप्त कर दिया गया है इसके आदेश भी जारी हो गए हैं अब रात में पास की भी जरूरत नहीं होगी अभी तक रात में केवल उन्हीं लोगों को आने जाने की छूट थी जो बस ट्रेन आदि से कहीं बाहर से आए हैं और घर जा रहे हैं वहीं मुंबई और दिल्ली से आने वाले प्रवासियों को लेकर सरकार और सतर्क हो गई है वैसे कोविड-19 शहरों में से आने वालों के लिए कई पाबंदियां हैं लेकिन इन दो शहरों से आने वालों को अब और सख्त पाबंदियों के सामना भी करना पड़ सकता है।
सरकार के मुताबिक करीब 3 लाख 50 हज़ार प्रवासी उत्तराखंड लौट कर आ चुके हैं बाहर से लौटकर आने वाले प्रवासियों की वजह से ही प्रदेश में कोरोनावायरस से संक्रमण के मामले बहुत बढ़े हैं इसमें ज्यादातर मामले दिल्ली और मुंबई से आने वालों के हैं।
मुख्य सचिव ओमप्रकाश के मुताबिक इसे देखते हुए ही प्रदेश सरकार ने इन दो शहरों को विशेष रूप से रडार पर रखना शुरू कर दिया है वही सरकार ने एक बड़ा फैसला ले लिया है वर्तमान में अभी तक प्रदेश में प्रतिदिन करीब 16000 लोगों की आवाजाही हो रही है यह वह लोग हैं जो सीमाओं पर किसी ना किसी काम की वजह से पहुंचते हैं यहां रहते नहीं हैं और जल्दी उन्हें वापस भी जाना होता है इसी के साथ बाहर से आने वालों का सिलसिला थमा नहीं है अन्य राज्यों से आने वालों में प्रतिदिन अब 2000 लोगों को अनुमति दी जाएगी अभी तक यह सीमा 1500 लोगो को ही आने की अनुमति थी। वहीं प्रदेश में हेलीकॉप्टर से आने वालों के लिए अलग से व्यवस्था है मुख्य सचिव के मुताबिक इनका अनिवार्य रूप से एंटीजन टेस्ट किया जाएगा वही सरकार ने यह भी साफ कर दिया है कि प्रदेश से बाहर जाने वाले लोग अगर 5 दिन में लौट कर आते हैं तो उन्हें क्वॉरेंटाइन नहीं होना होगा अ।
अनलॉक-03 में यह रियायत दी गई है अगर 5 दिन से ज्यादा बाहर समय बिताया गया है तो वापस आने पर क्वारंटाइन होना होगा वहीं स्मार्ट सिटी के वेब पोर्टल पर रजिस्टर कराना होगा। रजिस्टर प्रपत्र को सीमा पर चेक किया जाएगा। किसी तरह के ई परमिट, अनुमति आदि की जरूरत नहीं है।
इन नियमों का करना होगा पालन
बाहर से आने वालों को हर हाल में आरोग्य सेतू एप डाउनलोड करना होगा।
हाई लोड कोविड-19 वाले शहरों से आने आने वालों को सात दिन के लिए संस्थागत क्वारंटीन होना होगा। सात दिन के लिए इन्हें होम क्वारंटीन में रहना होगा।
हाई लोड क्वारंटीन शहरों के अलावा अन्य शहरों से आने वालों को 14 दिन के लिए होम क्वारंटीन होना होगा।
72 घंटे की आईसीएमआर की अधिकृत कोविड निगेटिव रिपोर्ट वालों को क्वारंटीन नहीं होना होगा। इन्हें अपनी मेडिकल रिपोर्ट स्मार्ट सिटी की वेबसाइट पर अपलोड करनी होगी।
सात दिन के लिए किसी की मृत्यु, गंभीर बीमारी आदि की वजह से अलग बाहर से कोई व्यक्ति आता है तो उसे क्वारंटीन नहीं होना होगा। वह घर से बाहर आ जा सकता है लेकिन सिर्फ उसी काम के लिए जिस काम के लिए वह आया है।
कामगार, कर्मचारी, विशेषज्ञ, सलाहकार आदि अगर बाहर से आते हैं तो उन्हें क्वारंटीन नहीं होना होगा। यह संबंधित संस्था की जिम्मेदारी होगी कि वह यह तय करें कि ऐसे व्यक्ति सिर्फ काम के स्थान से ठहरने के स्थान के बीच ही यात्रा करें। इन्हें स्मार्ट सिटी की वेबसाइट पर संस्था की ओर से जारी अधिकार प्रपत्र भी अपलोड करना होगा।
बाहर से अधिकारिक कारण से आने वाले केंद्रीय और राज्य सरकारों के मंत्रियों, मुख्य न्यायाधीश, न्यायाधीश आदि को क्वारंटीन नहीं होना होगा, लेकिन ये वह सुनिश्चित करेंगे की सोशल डिस्टेंस और अन्य नियमों का पालन हो।
विदेशों से आने वाले भारतीय नागरिकों और पर्यटकों को सात दिन के लिए संस्थागत क्वांरटीन होना होगा और इसके बाद वे सात दिन के लिए होम क्वारंटीन रहेंगे।
गर्भवती महिलाएं, 65 साल से अधिक के वरिष्ठ नागरिक, गंभीर रोगी आदि को संस्थागत क्वारंटीन नहीं किया जाएगा। उन्हें 14 दिन के लिए होम क्वारंटीन में रहने की अनुमति होगी।

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