उत्तराखंड: आबकारी नीति में बड़ा बदलाव , पढ़िए महत्वपूर्ण बिंदु
पारदर्शी बनाई गई है नई आबकारी नीति
अब 2 वर्ष के लिए होंगे शराब के ठेके
ओवर रेटिंग व अवैध शराब की तस्करी पर जुर्माने की व्यवस्था
अब दुकानों का आवंटन ईटेंडरिंग के माध्यम से होगा
देहरादून। नई आबकारी नीति को पारदर्शी बनाने के साथ साथ जनता के जेब पर बोझ कम करने के साथ ही दुकानों के कोटे को भी कम किया गया है। राज्य में कोविड सेस हटने के बाद शराब की कीमतें करीब करीब वर्ष 2018 जैसी हो जाएगी। दुकानों के रिन्यूवल की व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया है । दुकानों का कोटा करीब 20 फीसदी तक कम होने से दुकानदार भी राहत की सांस ले सकेंगे। साथ ही इस वर्ष जो भी ठेका उठान होगा वो सीधे दो वर्ष के लिए होगा चाहे वो देशी,अंग्रेज़ी अथवा बियर शॉप हो। यानी 2023 मार्च तक उस ठेके का संचालन करना होगा।
रिन्यूवल की व्यवस्था समाप्त कर विभाग ने एक बड़ी पहल सभी दुकाने उठ सके और दो वर्ष के लिये उठ सके ये व्यवस्था की है। मोटे तौर पर अधिक बिकने वाली शराब की कीमतें काफी नियंत्रण में होगी।
नई नीति में दुकानों के आवंटन की प्रक्रिया भी बदली गई है। अब दुकानों का आवंटन ई-टेंडरिंग के माध्यम से किया जाएगा। सभी दुकानें आवंटित हों इसके लिए लिए दुकानों से मिलने वाले राजस्व में भी कटौती की गई है। इसके साथ ही दुकानों के आवेदन शुल्क में 10 हजार रुपये की बढ़ोतरी की गई है। यह शुल्क अब 50 हजार रुपये कर दिया है। पहले यह 40 हजार रुपये थे।
शनिवार को कैबिनेट के निर्णय की जानकारी देते हुए शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि आबकारी नीति में सभी व्यवस्थाओं को पारदर्शी बनाया गया है। नई नीति दो वर्ष के लिए प्रभावी होगी। इसके तहत दुकानों के लाइसेंस से लेकर ब्रांड मंजूरी की व्यवस्था ऑनलाइन की गई है। नीति में हर साल का आबकारी राजस्व लक्ष्य अलग-अलग रखा गया है। पहले वर्ष यह लक्ष्य 3200 करोड़ रुपये रखा गया है। इसमें बीते वर्ष से 200 करोड़ रुपये कम किया गया है।
वहीं अगले वर्ष यह राजस्व लक्ष्य 3600 करोड़ रुपये होगा। सभी दुकानों का राजस्व लक्ष्य भी नए सिरे से तय किया जाएगा। बीते वर्ष दुकानों के पूरी तरह आवंटन न होने के कारण इस बार इनकी संख्या कम कर 619 की गई है। बीते वर्ष इनकी संख्या 659 थी। इस बार देशी शराब की दुकानों से बियर बेचने की व्यवस्था भी की गई है। प्रदेश में यह व्यवस्था बीते दो वर्ष से बंद चल रही थी। इसके साथ ही अंग्रेजी शराब के गोदाम के लाइसेंस की फीस 12 लाख से बढ़ाकर 15 लाख और ब्रांड की लाइसेंस फीस 10 लाख से बढ़ाकर 15 लाख रुपये की गई है। वहीं, देशी शराब के गोदामों का शुल्क भी पांच लाख रुपये निर्धारित किया गया है। इसके साथ ही नई आबकारी नीति में दुकानों में ओवर रेटिंग व अवैध शराब की तस्करी को लेकर भी जुर्माने की व्यवस्था की गई है।
सबसे पहले ख़बरें पाने के लिए -
हमारे व्हाट्सएप समाचार ग्रुप से जुड़ें
फेसबुक पर जुड़ने हेतु पेज़ को लाइक करें
टेलीग्राम ग्रुप से जुड़ने के लिए क्लिक करें
हमारे इस नंबर 9927164214 को अपने व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ें