आधारभूत प्रशिक्षण कार्यशाला संपन्न, प्रशिक्षुओं को सेवा भाव से कार्य करने को कहा- पढ़ें पूरी खबर
कुमाऊं आयुक्त एवं एटीआई निदेशक राजीव रौतेला के निर्देशन में 14वां आधारभूत प्रशिक्षण कार्यशाला कुशलता पूर्वक संपन्न, प्रशिक्षुओं को सेवा भाव से कार्य करने के दिए टिप्स
नैनीताल 13 मार्च । एटीआई में आयोजित 14 वां आधारभूत प्रशिक्षण कार्यशाला कुशलतापूर्वक सम्पन्न हुई।
प्रशिक्षण कार्यशाला में राजस्व सेवा, पुलिस सेवा, वित्त सेवा, शहरी विकास आदि सेवाओं के 45 प्रशिक्षुओं को 12 साप्ताहिक प्रशिक्षण कार्यशाला निदेशक एटीआई राजीव रौतेला के निर्देशन में संपन्न हुई।
प्रशिक्षण कार्यशाला के समापन अवसर पर मुख्य अतिथि उजाला निदेशक डाॅ.जीके शर्मा ने प्रशिक्षुओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि देश सेवा से बढ़कर कोई सेवा नहीं है। उन्होंने कहा कि समाज के प्रत्येक वर्ग एवं दूरस्थ क्षेत्रों तक विकास की किरणें आसानी से पहुॅचाने के लिए सभी अधिकारी मानव सेवा के रूप में अपनी बेहतर सेवाऐं दें। उन्होंने कहा कि राजकीय सेवाओं में आने पर सभी प्रशिक्षुओं का आर्थिक एवं सामाजिक भविष्य सुरक्षित है। सभी अधिकारी अनाधिकृत अपेक्षाओं एवं चेष्टाओं का परित्याग करते हुए सामाजिक उत्थान हेतु दी जा रही विभिन्न जिम्मेदारियों को समझते हुए उनका कुशलता से निर्वहन करें।
हमारा मुख्य कार्य एवं दायित्व जनता की सेवा तथा न्याय सम्मत कार्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि किसी अधिकारी में अहंकार भाव है तो वह सही प्रकार से मानव सेवा नहीं कर सकते हैं। सही तरीके से जन सेवाओं के लिए अहंकार को त्यागना होगा। उन्होंने प्रशिक्षुओं को अपनी कार्यशैली में पारदर्शिता, निष्पक्षता, समयबद्धता का विशेष ध्यान रखने को कहा। उन्होंने कहा कि मानवता के प्रति दयाभाव रखें तथा अस्मिता को प्रभावित करने वाले व्यक्तियों को किसी भी दशा में माफ न करें और ऐंसे व्यक्तियों के तुरन्त कानूनी कार्यवाही अमल में लायें। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारियों में रूल आॅफ लो होना चाहिए, रूल आॅफ पर्सन नहीं होना चाहिए। उन्होंने राज्य में पलायन, बाल विवाह, लिंगानुपात, ह्यूमन ट्रेफिकिंग के सा ही विभिन्न पहलुुओं पर प्रशिक्षुओ का मार्गदर्शन किया तथा महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए।
निदेशक एटीआई एवं मण्डलायुक्त राजीव रौतेला ने प्रशिक्षुओं को मार्ग-दर्शित करते हुए कहा कि सभी प्रशिक्षु अपने-अपने कार्य क्षेत्रों बेहतर जनहित में पूरी तन्मयता, निष्पक्षता, पारदर्शिता एवं कुशलता से कार्य करें। उन्होंने कहा कि टीम भावना के बिना गुड गर्वेन्स को प्राप्त नहीं किया जा सकता है। सभी प्रशिक्षु अपने कार्यों से सम्बन्धित अन्य रेखीय विभागों के साथ समन्वय से कार्य करें ताकि जनता को आसानी से बेहतर सेवाएं प्राप्त हो सकें। उन्होंने सभी प्रशिक्षुओं को मार्गदर्शित करते हुए कहा कि जो कुछ प्रशिक्षण में सिखाया गया है उसका उपयोग बेहतर जनहित के लिए अपने कार्य क्षेत्र में करें। उन्होंने सभी प्रशिक्षुओं को जनहित में संवेदनशील सेवक बनकर कार्य करने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर मुख्य वन संरक्षक डाॅ.मधुकर पराग धकाते द्वारा भी प्रशिक्षुओं का मार्गदर्शन किया गया।
इस अवसर पर संयुक्त निदेशक एटीआई नवनीत पाण्डे ने प्रशिक्षण कार्यशाला में दिए गए प्रशिक्षण एवं संचालित विभिन्न गतिविधियों के बारे में, प्रशिक्षु हिमांशु कफल्टिया, स्मिता, आलोक उनियाल ने प्रशिक्षण के दौरान अकादमी द्वारा कराये गये ग्रामीण क्षेत्रों तथा विभिन्न भारतीय संस्थानों के भ्रमण, विभिन्न महानुभावों के साथ चर्चा के साथ ही प्रशिक्षण कार्यक्रम के बारे में अपने विचार रखते हुए अकादमी किए गए नवाचारी कार्यों के लिए अकादमी स्टाॅफ का आभार व्यक्त किया।
प्रशिक्षण के दौरान निदेशक पदक के रूप में प्रशिक्षु कुमकुम जोशी को स्वर्ण पदक, अनुराग मलिक को रजत पदक तथा तनवीर सिंह मारवाह को कांस्य पदक, प्रमाण पत्र एवं पुरस्कार देकर नवाजा गया। इसके साथ ही विभिन्न गतिविधियों में स्थान प्राप्त करने वाले प्रशिक्षुओं को भी पदक एवं प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किाय गया।
कार्यक्रम में संयुक्त निदेशक दीपक पालीवाल, उप निदेशक पूनम पाठक, रेखा कोहली, निदेश राणा, गीता काण्डपाल, मीनू पाठक आदि मौजूद थे।
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