अल्मोड़ा- वनाग्नि दुर्घटनाओं को रोकने के लिए करने होंगे सामूहिक प्रयास , अपर जिलाधिकारी ने 15 फरवरी से 15 जून तक वनाग्नि नियंत्रण अभियान चलाने के दिए निर्देश
अल्मोड़ा 24 जनवरी।
वनों में वनाग्नि दुर्घटनाओं से प्रति वर्ष बहुमूल्य राष्ट्रीय सम्पदा की अपूर्णनीय क्षति होती है इसको रोकने के लिये हमें सामूहिक प्रयास करने होंगे। यह बात अपर जिलाधिकारी बी.एल. फिरमाल नेे आज जिला कार्यालय में आयोजित वनाग्नि से सम्बन्धित एक बैठक में कही।
उन्होंने कहा कि वनों को वनाग्नि से रोकने के लिये यद्यापि वन विभाग द्वारा प्रभागीय स्तर पर वन प्रबन्धन अग्नि योजना का प्रभावी ढ़ग से तैयारी की जाती है फिर भी अगर ग्राम स्तर पर प्रत्येक व्यक्ति वनाग्नि के प्रति जागरूक हो तो इसे रोका जा सकता है। अकेले वन विभाग ही वनाग्नि से निपटने में असमर्थ है।
अपर जिलाधिकारी ने बैठक को सम्बोधित करते हुये कहा कि वनाग्नि से रोकथाम के लिये एन.सी।सी./एन.डी.आर.एफ. , महिला मंगल दल, युवक मंगल दल, वन पंचायत और स्वयंसेवी संस्थाओं को आगे आकर इसके नियंत्रण में भागीदारी करनी होगी। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा विभाग के हर सम्भव मदद दी जायेगी जो कि इसके प्रभावी नियंत्रण में सहयोग प्रदान करेंगी।
उन्होंने कहा कि जंगलों में आग लगने के प्रमुख कारणों में नई घास के लिये सूखी घास को जलाना, जंगलों में आने-जाने वाले लोगों द्वारा जली बीडी सिगरेट को फैंकना, लकडी तस्करों द्वारा पेड़ की जड़ों पर आग लगाकर पेड़ गिरना और बिखरी पत्तियों को जलाना है। इसके लिये प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर जागरूकता अभियान चलाकर ग्रामीणों को जागरूक किया जाय ताकि वनाग्नि को रोका जा सके।

अपर जिलाधिकारी ने कहा कि वनाग्नि काल के समय कुछ शरारती तत्वों द्वारा भी जान-बूझ कर आग लगायी जाती है ऐसे लोगों को चिन्हित कर उन पर कडी कार्यवाही की जाय।
अपर जिलाधिकारी ने वन विभाग के अधिकारियों को ग्राम स्तर पर जागरूकता गोष्ठी कराने को कहा। उन्होंने कहा कि कृषि, उद्यान एवं विकास विभाग के अधिकारी इन जागरूकता गोष्ठियो ंमें अनिवार्य रूप से प्रतिभाग करेंगे। उन्होंने बताया कि आगामी 15 फरवरी से 15 जून तक वनाग्नि नियंत्रण अभियान चलेगा।
अपर जिलाधिकारी ने कहा कि सिविल वनों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सम्बन्धित ग्राम प्रधान व पटवारी की होगी। उन्होंने कहा कि वनग्नि नियंत्रण में मानव संसाधनों की आवश्यकता पड़ती है इसलिये कृषि, राजस्व, विकास, स्वास्थ्य, लोक निर्माण, जल निगम, अग्निश्मन, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, पशु पालन, आपदा प्रबन्धन, स्थानीय अभिसूचना ईकाइ, छावनी परिषद, एसएसबी से स्वतःस्फूर्त भावना से इस कार्य में जुटने की बात की। बैठक में प्रभागीय वनाधिकारी महातिम यादव ने कहा कि वनाग्नि से निपटने के लिए सभी विभागो से सहयोग की अपेक्षा की।
बैठक में वनाधिकारी सिविल सोयम के0एस0 रावत, प्रभागीय वनाधिकारी भूमि एवं वन संरक्षण रानीखेत उमेश चन्द्र जोशी, उप प्रभागीय वनाधिकारी भूपाल सिंह बिष्ट, वन क्षेत्राधिकारी संचिता वर्मा, अधिशासी अभियन्ता विजय कुमार, ई0ओ0 नगरपालिका श्याम सुन्दर, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी मनोहर लाल, दीपक तिवारी सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
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