Haldwani News: अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्कर बनमीत नरुला का भाई गिरफ्तार , ED को मिली इतने दिन की रिमांड
हल्द्वानी। अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्कर बनमीत नरुला के भाई परमेंद्र सिंह नरुला को ईडी ने 20 घंटे की कार्रवाई के बाद गिरफ्तार कर लिया। आरोपी को देहरादून स्थित स्पेशल ईडी कोर्ट में पेश किया गया। आरोपी की 14 दिन कस्टडी रिमांड मांगी गई, लेकिन कोर्ट ने सात दिन की मंजूर की है। अब ईडी सात दिनों तक आरोपी परमेंद्र सिंह नरुला से पूछताछ करेगी। परमेंद्र सिंह पर आरोप है कि उसने अपने भाई के पैसों को काले से सफेद करने में मदद की थी। उसके दुबई, अमेरिका और अन्य कई देशों में बैंक खाते थे। ड्रग्स सौदागर बनमीत नरूला चंद दिन पहले अमेरिका की जेल से जमानत पर छूट चुका है। शुक्रवार को उसे अपने घर हल्द्वानी पहुंचना था, लेकिन ईडी के घर में होने की सूचना लीक होने पर वह रास्ते से अंडरग्राउंड हो गया। बनमीत ईडी के हाथ नहीं चढ़ा, मगर उसका भाई गिरफ्त में आ चुका है।
आपकों बता दें कि ईडी की टीम ने शुक्रवार सुबह बनमीत के हल्द्वानी स्थित आवास में अचानक छापा मारा था। ईडी की टीम हल्द्वानी में अमेरिका और भारत के बीच मनी ट्रेल का लिंक खंगालने आई थी। माना जा रहा है कि बनमीत ने अमेरिका में ड्रग्स की काली कमाई को भारत में अपने भाई के जरिये खपाया।
बनमीत के गुरुतेग बहादुर गली तिकोनिया हल्द्वानी स्थित आवास में बनमीत के पिता, उसकी पत्नी, बच्चे और भाई परविंदर रहता है। बनमीत और परविंदर ने मिलकर रुद्रपुर में एक फार्मा फैक्ट्री खोली। फैक्ट्री बंद हुई तो बनमीत अमेरिका चला गया। वर्ष 2012 से 2017 के बीच उसने नशीली दवाओं की तस्करी की। अप्रैल 2019 में बनमीत को लंदन में गिरफ्तार किया गया। वर्ष 2023 में लंदन ने उसे अमेरिका के सुपुर्द कर दिया।
अमेरिकी अदालत से उसे 5 साल की सजा हुई और वह मनी लॉड्रिंग में लिप्त पाया। इस जुर्म को बनमीत ने भी स्वीकार किया। जिसके बाद इंटरपोल भी मामले की गोपनीय जांच में जुट गई। भारत में मनी लॉड्रिंग के लिंक मिले तो प्रवर्तन निदेशालय को खोज-बीन में लगा दिया गया।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की देहरादून से आई टीम ने शुक्रवार को अंतर्राष्ट्रीय ड्रग तस्कर बनमीत सिंह के हल्द्वानी स्थित आवास और रुद्रपुर स्थित फार्मा फैक्ट्री पर एक साथ छापेमारी की। टीम सुबह करीब 6 बजे बनमीत के तिकोनिया स्थित घर पहुंची तो परिवार सो रहा था। शनिवार सुबह तक टीम परिवार के एक-एक व्यक्ति से पूछताछ करती रही और दस्तावेज खंगालती रही। छानबीन के दौरान ईडी के हाथ कई महत्वपूर्ण दस्तावेज लगे हैं। इस दौरान न तो किसी को घर से बाहर जाने दिया गया और न ही अंदर आने दिया गया। करीब 20 घंटे चली छापे की इस कार्रवाई के बाद ईडी ने बनमीत के भाई परमेंद्र सिंह नरुला को गिरफ्तार कर लिया। बताया जा रहा है परमेंद्र के दुबई, सिंगापुर, अमेरिका आदि देशों में कई बैंक खाते थे। इन खातों में बनमीत नरुला डॉलर और अन्य विदेशी मुद्रा में धन जमा करता था। इसके बाद वह दुबई में रहकर इस धन को वहां की मुद्रा में और फिर उसे भारतीय मुद्रा में बदलकर विभिन्न जगहों पर निवेश करता था। इस तरह से उसने बनमीत के अवैध कारोबार से कमाए गए धन की लॉन्ड्रिंग कर उसे सफेद बनाने करने का काम किया।
हल्द्वानी शहर से निकलकर रातों रात अंतरराष्ट्रीय ड्रग माफिया बना बनमीत नरुला
उत्तराखंड के हल्द्वानी शहर से निकलकर एक शख्स रातों रात इंटरेशनल ड्रग माफिया बन गया, और सीधे अमेरिका और ब्रिटेन जैसी ताकतों को चुनौती देने लगा, अमेरिका की एक अदालत ने हल्द्वानी के रहने वाले 40 साल के बनमीत सिंह को डार्क वेब पर ड्रग्स बेचने के मामले में दोषी पाया है। अमेरिकी अदालत ने बनमीत को 5 साल, जेल की सजा सुनाई है। इसके अलावा उसके पास से 1.25 हजार करोड़ रुपए जब्त करने का भी अमेरिकी कोर्ट ने आदेश दिया है।
इस इंटरनेशनल ड्रग माफिया के देवभूमि कनेक्शन की कहानी हैरान करने वाली है। जानकारी के मुताबिक बनमीत सिंह नरूला सिडकुल में एक दवाई की फैक्ट्री चलाया करता था, उसने बैंक से लोन लिया, लिहाजा फैक्ट्री नहीं चल पायी जिस वजह से उस पर काफी कर्ज का बोझ चढ़ गया, जिसके चलते बनमीत ने विदेश जाने का प्लान बनाया, विदेश जाने के बाद बनमीत दुनिया के बड़े ड्रग्स तस्करों के सम्पर्क में आ गया, उसकी रुद्रपुर फैक्ट्री से ड्रग सप्लाई का धंधा चलता रहा इंटरपोल एसेंसियो को शक हुआ तो कंपनी के कर्मचारियों को भी हिरासत में लिया था।
हल्द्वानी के रहने वाले बनमीत पर अमेरिका में मुकदमे दर्ज थे, लिहाजा वह इंग्लैंड भाग चूका था, अप्रैल 2019 में उसे लंदन से गिरफ्तार किया गया। इसके बाद मार्च 2023 में अमेरिकी जांच एजेंसी ने उसे रिमांड पर लिया। कोर्ट की कार्यवाही के बीच इस साल जनवरी में उसने अपना जुर्म कबूल लिया था। कोर्ट के दस्तावेजों के मुताबिक, बनमीत ने डार्क वेब पर मार्केटिंग साइट्स बनाई थीं.
बनमीत ने अमेरिका में प्रतिबंधित ड्रग फेंटेनाइल, LSD , एक्सटेसी, जेनेक्स, केटामाइन और ट्रामाडोल जैसी अनेकों दवाओं और ड्रग्स की सप्लाई की बात कबूल की। ड्रग्स को खरीदने वाले ग्राहक क्रिप्टोकरेंसी के जरिए पेमेंट करते थे। इसके बाद बनमीत खुद ड्रग्स की शिपिंग का जिम्मा संभालता था। वो US मेल या दूसरी सेवाओं के जरिए यूरोप से अमेरिका तक ड्रग्स पहुंचाता था।
साल 2012 से जुलाई 2017 के बीच बनमीत के पास अमेरिका में ड्रग्स बेचने के 8 सेंटर थे। ये सभी ओहायो, फ्लोरिडा, मैरीलैंड, न्यूयॉर्क और वॉशिंगटन में मौजूद थे। अब बनमीत की इस हरकत के बाद उसे अमेरिका में पांच साल कैद की सजा हुई है। हैरानी की बात है कि उसने अवैध ड्रग्स से मोटी कमाई की है, यह रकम लगभग 15 करोड़ डॉलर है।
हल्द्वानी के तिकोनिया इलाके से अमेरिका जाकर नशे का धंधा करने वाले 40 साल के बनमीत सिंह का ये कारनामा आपको हैरान कर रहा होगा। बनमीत ने इंग्लैंड में रहते हुए विश्व की सबसे बड़ी ताकत अमेरिका के पचास राज्यों में डार्क वेब के जरिए अपने पैर पसार कर प्रतिबंधित दवाओं और ड्रग्स का जाल फैला दिया। उत्तराखंड पुलिस अब इसका रिकॉर्ड खंगाल रही है.
बता दें कि वर्ष 2019 में बनमीत को लंदन से गिरफ्तार किया गया। इसके बाद मार्च 2023 को उसे अमेरिका प्रत्यर्पित कर दिया गया। अमेरिका में कोर्ट कार्यवाही के बीच उसने अपना जुर्म कुबूल कर लिया था। ऐसे में अमेरिकी कोर्ट ने उसे पांच साल कैद और 150 मिलियन डॉलर जब्त करने की सजा सुनाई थी। यह रकम उसने करीब 10 सालों में अपने अवैध कारोबार से कमाई थी। इस बीच भारतीय जांच एजेंसियों ने भी बनमीत की जांच जारी रखी। पता चला कि वह अपने इस गोरखधंधे का पैसा अपने भाई परमेंद्र सिंह नरुला के खाते में जमा करता था।
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