Agnipath Scheme: क्या अग्निपथ योजना में बड़े बदलाव की है तैयारी
Agnipath Bharti ,Agnipath Scheme Big Update: : केंद्र की मोदी सरकार युवाओं को जल्द ही बड़ी सौगात दे सकती है मीडिया रिपोर्ट की माने तो अग्निपथ स्कीम में बड़े बदलाव की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है जिसका जल्द ही ऐलान किया जा सकता है।
भारतीय सेना में अग्निपथ स्कीम के जरिए जवानों की भर्ती होती है और इसके तहत भर्ती होने वाले जवानों को अग्निवीर कहा जाता है। इस योजना को लागू करते वक्त रक्षा मंत्रालय की ओर से इसे समय-समय पर रिव्यू करने के लिए कहा गया था। मोदी सरकार अपने तीसरे कार्यकाल में अग्निपथ योजना में बदलाव का विचार कर सकती है।
अग्निवीर योजना में क्या होंगे बदलाव ?
सूत्रों के मुताबिक DMA (डिपार्टमेंट ऑफ मिलेट्री अफेयर्स) ने तीनों सेना से अग्निवीर योजना पर रिपोर्ट मांगी है। 4 साल के कार्यकाल को बढ़ाने, ज्यादा भर्ती और 25 21प्रतिशत रिटेंशन की लिमिट बढ़ाने की बात हो रही है। इसके साथ ही ड्यूटी पर अग्निवीर के घायल या शहीद होने पर परिवार को आर्थिक सहायता देने को लेकर भी विचार किया जा रहा है।
इन बदलाव की कही बात
अग्रिवीर सेना भर्ती के लिए आयु सीमा 17.5 से 21 साल से बढ़ाकर 23 साल करने की सिफारिश की है। 4 साल पूरे करने के बाद नियमित सेवा में शामिल होने वाले अग्निवीर जवानों का प्रतिशत 25 से बढ़ाकर 60 से 70 करना होगा। अग्निवीरों की सेवा अवधि को 4 साल से बढ़ाकर 7-8 साल करने का सुझाव दिया है। प्रशिक्षण के दौरान भी विकलांगता के लिए अनुग्रह राशि दी जानी चाहिए। अगर किसी अग्निवीर जवान की जंग में मौत हो जाती है तो उसके परिवार को निर्वाह भत्ता मिलना चाहिए। एक पेशेवर एजेंसी हो जो अग्निवीरों को उनकी सेवा अवधि समाप्त होने के बाद भविष्य की नौकरियां खोजने में मददगार हो।
इसके अलावा अग्निवीरों के प्रशिक्षण की अवधि को फिर से उसकी मूल अवधि तक बढ़ाने पर विचार कर रही है, ताकि इसे नियमित सैनिकों के समान बनाया जा सके। इस कदम में समग्र सेवा अवधि को मौजूदा 4 वर्षों से बढ़ाकर लगभग 7 वर्ष करना भी शामिल है।
इस प्रस्ताव के पीछे मुख्य उद्देश्य अग्निवीरों को ग्रेच्युटी और भूतपूर्व सैनिक (ईएसएम) का दर्जा प्रदान करना है, जिससे वे ईएसएम के लिए लागू कई लाभों के लिए पात्र बन सकें। इसके अलावा, अग्निवीरों के लिए पूरे सात साल की सेवा अवधि को उन लोगों के लिए पेंशन योग्य सेवा के हिस्से के रूप में गिना जा सकता है जो स्थायी रूप से बल में बने रहते हैं, स्रोत आधारित रिपोर्ट कहती है।
बता दें कि भाजपा ने लोकसभा चुनाव 2024 में 400 पार का नारा दिया था, लेकिन पार्टी की झोली में सिर्फ 240 सीटें ही आईं, जोकि बहुमत से भी 32 सीटें कम थीं। ऐसे में पार्टी बहुमत तक न पहुंचने के कारणों का पता लगाकर उन पर काम कर रही है। अग्निपथ योजना के विरोध ने भी भाजपा को नुकसान पहुंचाया है, इसलिए मोदी सरकार 3.0 ने अपने 100 दिन के एजेंडे में इस योजना को भी शामिल किया है।
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